मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस बार बारामती सीट पर चाचा और भतीजा आमने-सामने हैं। अजित पवार जहां अपनी पार्टी एनसीपी से चुनाव लड़ रहे हैं वहीं उनके खिलाफ शरद पवार की एनसीपी से युगेंद्र पवार ताल ठोक रहे हैं। युगेंद्र पवार अजित पवार के भतीजे हैं। उन्होंने अपने चाचा अजित पवार पर परिवार को तोड़ने का आरोप लगाया। यह बात उन्होंने इंडिया टीवी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कही। उनका कहना है कि उन्होंने पार्टी की विचारधारा से समझौता किया और बीजेपी से हाथ मिला लिया। परिवार में विचारधारा के स्तर पर दूरियां बढ़ चुकी हैं।
हमने सोचा शरद पवार साहब के साथ खड़ा रहना चाहिए
उन्होंने कहा कि ऐसा कभी सोचा नहीं था कि चाचा के खिलाफ लड़ना पड़ेगा। दादा जी (शरद पवार) का साथ देने के लिए लोकसभा चुनाव में काम किया। इलेक्टोरेल पॉलिटिक्स में हम लोकसभा चुनाव में आगे आए। एक डेढ़ साल पहले पार्टी में जो कुछ हुआ वह किसी को अच्छ नहीं लगा। इसलिए लोगों ने सोचा कि शरद पवार जी के साथ खड़ा रहना चाहिए।
परिवार के अंदर वैचारिक स्तर पर बिखराव
उन्होंने कहा कि सोशल वर्क का काम हम लंबे समय से करते रहे हैं और जब परिवार के अंदर वैचारिक स्तर पर बिखराव हो गया और पार्टी टूट गई तो हमने फैसला लिया कि हम गांधी जी, नेहरू जी, अंबेडकर जी के विचार के साथ रहेंगे और हमने शरद पवार साहब के साथ रहने का फैसला किया।
बारामती की जनता पवार साहब के साथ
बारामती विधानसभा सीट पर जीत का उन्हें पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि अभी तक इस सीट से अजित पवार बड़े अंतर से इसलिए जीतते रहे कि उनके पीछे शरद पवार साहब थे। बारामती की जनता पवार साहब के पीछे है और शरद पवार साहब हमारे पीछे हैं इसलिए मुझे ऐसा लगता है कि इस बार अजित पवार हारेंगे। पवार साहब का साथ छोड़ना यहां की जनता को रास नहीं आ रहा है। ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में हम लीड लेंगे।