मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अजित पवार ने रविवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में होने वाले निकाय चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ेगी। लोकसभा चुनाव में एनसीपी के खराब प्रदर्शन के बाद से स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से पाला बदलने की खबरों के बीच यह घोषणा आई है। निकट भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में अपनी राजनीतिक ताकत साबित करने की चुनौती का सामना कर रहे अजित पवार ने कहा कि स्थानीय नेतृत्व को पार्टी को मजबूत बनाने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
अजित पवार ने क्या कहा?
एनसीपी की शहर इकाई को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा कि हमने लोकसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा था और विधानसभा चुनाव भी गठबंधन में लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हालांकि हम लोकसभा और राज्य विधानसभा में सहयोगी हैं, लेकिन महायुति के सदस्य स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं। मैं यह घोषणा करना चाहता हूं कि पार्टी निकाय चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ेगी।
कब होंगे निकाय चुनाव
स्थानीय निकायों में नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत और जिला परिषद शामिल हैं। स्थानीय निकाय के चुनाव के लिए कार्यक्रम को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं।
अधिकांश पार्टी कार्यकर्ता एनसीपी के साथ बने हुए हैं
पवार ने कहा कि पिंपरी चिंचवाड़ में कुछ स्थानीय नेताओं ने पार्टी छोड़ दी क्योंकि उन्हें लगता है कि अन्य राजनीतिक दलों के साथ एनसीपी के गठबंधन के कारण उनके विकास की सीमाएं हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय नेता चले गए लेकिन अधिकांश पार्टी कार्यकर्ता एनसीपी के साथ बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि एनडीए में शामिल होने का फैसला पूरी तरह से राज्य के समग्र विकास के इरादे से लिया गया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय पार्टी नेताओं के पार्टी छोड़ने के बारे में अफवाहें फैलाई जा रही हैं जो गलत है और ऐसा ही शहर एनसीपी प्रमुख दीपक मांकर के साथ भी हुआ।
शरद पवार को बोलने से रोकने की बात से इनकार
अजित पवार ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव जब भी होंगे, समाज के सभी वर्गों से नए और पुराने चेहरे मैदान में उतारे जाएंगे। उन्होंने शनिवार को पुणे जिला योजना एवं विकास समिति (डीपीडीसी) की बैठक में शरद पवार को बोलने से रोकने की बात से इनकार किया। दरअसल बारामती की सांसद सुप्रिया सुले ने दावा किया था कि अजित पवार ने बैठक में उनके पिता की ओर से विकास निधि के वितरण के बारे में सवाल पूछे जाने पर आपत्ति जताई थी