मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि अनधिकृत रेहड़ी पटरी वालों ने शहर की हर सड़क पर कब्जा कर लिया है और पैदल चलने वालों के लिए कोई जगह नहीं बची है। कोर्ट ने सवाल किया कि आम नागरिकों को वह सुविधा क्यों नहीं मिलनी चाहिए जो केवल ‘VVIP’ को मिलती है। जस्टिस एम. एस. सोनक और जस्टिस कमल खता की बेंच ने 25 जून को एक आदेश में कहा कि यह समस्या ‘खतरनाक स्थिति’ तक पहुंच गई है और सरकार एवं नगर निकाय के अधिकारी इससे निपटने के लिए समय नहीं निकाल पा रहे। अदालत के आदेश की प्रति मंगलवार को उपलब्ध कराई गई।
‘फुटपाथ पर चलने के लिए जगह नहीं बची’
हाई कोर्ट ने मुंबई में अवैध एवं अनधिकृत रेहड़ी पटरी वालों और विक्रेताओं के कारण होने वाली समस्याओं पर पिछले वर्ष स्वतः संज्ञान लिया था और इस याचिका पर सुनवाई शुरू की थी। जजों ने कहा कि कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) को कई निर्देश जारी किए, लेकिन उनके कार्यान्वयन की गति धीमी बनी हुई है। कोर्ट ने कहा, ‘रेहड़ी पटरी वालों और सड़क पर सामान बेचने वालों ने सड़कों और गलियों पर वास्तव में कब्जा कर लिया है। लोगों के पास फुटपाथ पर चलने के लिए कोई जगह नहीं बची है।’
अतिक्रमण विरोधी अभियान भी बेअसर: कोर्ट
अदालत ने कहा, ‘जनता सहनशील हो गई है या नगर निकाय अधिकारियों से शिकायत कर-करके शायद अब तंग आ चुकी है, लेकिन इससे इस समस्या की गंभीरता या उनकी समस्या कम नहीं होती। जनता को इस असहनीय स्थिति को सहन करने और अंतहीन समय तक इंतजार करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।’ कोर्ट ने कहा कि जब भी नगर निगम अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाता है, तो रेहड़ी पटरी वाले और अन्य विक्रेता कुछ ही मिनट बाद लौट आते हैं।
‘VVIP के दौरे के दौरान साफ हो जाती हैं सड़कें’
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि जब कोई VVIP शहर का दौरा करता है तो सभी सड़कें और फुटपाथ साफ कर दिए जाते हैं और कभी-कभी गड्ढे भी भर दिए जाते हैं। कोर्ट ने कहा, ‘क्या कानून का पालन करने वाले वे नागरिक भी इसी तरह के व्यवहार के हकदार नहीं हैं जिनके पैसे से ये VVIP काम करते हैं?’ अदालत ने BMC, पुलिस और राज्य सरकार से हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा कि उन्होंने अवैध रेहड़ी पटरी वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है। (भाषा)