शिवसेना के सांसद और प्रवक्ता संजय राउत आखिरकार 102 दिनों के बाद जेल से बाहर आ गए। हालांकि जेल जाने से पहले वे जिस तेवर में फड़णवीस और शिंदे सरकार को कोस रहे थे। जिस अंदाज में केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे थे, जेल से बाहर निकलते ही उनके सुर बदले हुए नजर आए। उन्होंने दबे सुर में जहां देवेंद्र फड़णवीस की तारीफ की। वहीं यह भी कहा कि वे जल्दी ही पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने भी जाएंगे।
संजय राउत की जेल से वापसी पर उनके समर्थकों ने जगह जगह 'टाइगर इज बैक', 'शिवसेना का बाघ आया' जैसे पोस्टर भी लगाए गए। शिवसेना सांसद संजय राउत पात्रा तीन महीने बाद जेल से रिहा हो गए।. उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पात्रा चॉल घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में इस साल जुलाई में गिरफ्तार किया था। जेल से बाहर आने के बाद संजय राउत ने गुरुवार को अपने घर के बाहर मीडिया से बात की। चर्चा में उन्होंने बताया कि उनकी सेहत ठीक नहीं है।
किसी जांच एजेंसी को नहीं दूंगा दोष: राउत
राउत ने इशारों इशारों में विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने यह साजिश रची थी, उन्हें यदि आनंद मिला होगा तो मैं इसमें उनका सहभागी हूं। मेरे मन में किसी के लिए कोई शिकायत नहीं है। मैं पूरी व्यवस्था को या किसी केंद्रीय जांच एजेंसी को दोष नहीं दूंगा।
जेल जाने और फिर बाहर आने के बीच बदल गई कई राजनीतिक परिस्थितियां
जब संजय राउत जेल गए उससे पहले और उनके जेल से आने के बाद कई तरह की राजनीतिक परिस्थितियां बदल चुकी हैं। एकनाथ शिंदे और फड़णवीस सरकार ने अब राज्य पर अपनी पकड़ पहले से मजबूत बना ली है। यह बात राउत भी जानते हैं। खास बात यह कि पहले विधायक टूट तब तक भी संजय राउत एकनाथ शिंदे गुट पर आरोप व निशाना साधते रहे, लेकिन बाद में तो सांसद भी टूटकर शिंदे सरकार से मिल गए थे।
शिंदे के तेवर कब तक रहेंगे नरम, ये तो वक्त ही बताएगा
संजय राउत जेल में थे, तभी शिवसेना के चुनाव चिह्न को लेकर घमासान हुआ। यानी उद्धव गुट 'तीर—कमान' पर अपना कब्जा नहीं कर पाया। उद्धव गुट के हाथ से फिसलती 'राजनीतिक जमीन' देखकर संजय राउत ने अभी अपने सुर नरम ही रखे हैं। लेकिन संजय राउत भी बाला साहेब के समय के 'राजनीतिक खिलाड़ी' हैं। वे कुछ दिन बाद वक्त और हालात समझकर फिर विपक्षियों पर निशाना साधने लगेंगे। दूसरी संभावना यही है कि ईडी के शिकंजे के बाद अब वे अपने सुर और तेवर शिंदे सरकार के खिलाफ नरम ही रखेंगे। उनका आगे क्या रुख रहता है ये तो आगे आने वाला समय ही बताएगा।