महाराष्ट्र: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने मंगलवार को बड़ी घोषणा की है, जिसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। शरद पवार ने घोषणा की है कि वह पार्टी प्रमुख के रूप में पद छोड़ रहे हैं। इसके साथ ही पवार ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के नाम के लिए एक पैनल का गठन कर लिया है। शरद पवार ने शीर्ष नेताओं की एक समिति की घोषणा की जिसमें प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, के.के. शर्मा, पी.सी. चाको, अजीत पवार, जयंत पाटिल, सुप्रिया सुले, छगन भुजबल, दिलीप वाल्से-पाटिल, अनिल देशमुख, राजेश टोपे, डॉ. जितेंद्र आव्हाड, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे और जयदेव गायकवाड़ शामिल हैं।
समिति नए अध्यक्ष का निर्णय लेगी
इसके अलावा समिति के अन्य सदस्यों में एनसीपी की महिला कांग्रेस अध्यक्ष फौजिया खान, राकांपा युवा कांग्रेस अध्यक्ष धीरज शर्मा राकांपा छात्र कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया दूहन शामिल हैं। ये समिति ही अब नए पार्टी अध्यक्ष के चयन पर फैसला करेगी। सुप्रिया सुले ने आज कुछ कार्यकर्ताओ की शरद पवार से फोन पर बात कराई।उन कार्यकर्ताओ ने पवार से इस्तीफा वापिस लेने की अपील की। उनसे पवार ने कहा कि पार्टी ने एक कमिटी गठित की है वो निर्णय लेगी।
कई लोगों ने शरद पवार से फैसला वापस लेने की अपील की
मंगलवार को राज्य और राष्ट्रीय राजनीतिक हलकों ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के पार्टी प्रमुख के रूप में इस्तीफा देने के फैसले का स्वागत किया, तो वहीं कई लोगों ने उनके इस फैसले को लेकर आंसू बहाए और उन्हें अपना फैसला वापस लेने के लिए कहा। शरद पवार के समर्थकों ने इसे लेकर कई जगहों पर धरना दिया और कहा कि उन्हें अपना फैसला वापस लेना होगा। इसके बाद अजीत पवार, राज्य पार्टी प्रमुख जयंत पाटिल और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को शांत कराने का प्रयास किया और उनसे शांत रहने का आग्रह किया।
शरद पवार ने अपनी आत्मकथा का विमोचन किया
बता दें कि 82 वर्षीय शरद पवार ने अपनी आत्मकथा 'लोक मझे संगति- पॉलिटिकल ऑटोबायोग्राफी' के विमोचन के दौरान संन्यास की घोषणा की है। अहम घोषणा करते हुए पवार ने कहा, "यह पार्टी संगठन के विकास के लिए, पार्टी की विचारधारा और लक्ष्यों को लोगों तक ले जाने के लिए और लोगों की सेवा करने के लिए, जैसा वे उचित समझे, प्रयास करना जारी रखेंगे। भले ही मैं अध्यक्ष पद से हट रहा हूं, लेकिन मैं सार्वजनिक जीवन से सेवानिवृत्त नहीं हो रहा हूं।"
शरद पवार ने अपनी आत्मकथा में किया है बड़ा खुलासा
शरद पवार ने अपनी किताब में लिखा है कि बीजेपी शिवसेना को खत्म करना चाहती थी वही उनकी रणनीति थी। विपक्ष ने बीजेपी और शिवसेना के कमजोर रिश्ते और आपसी अविश्वास का फायदा उठाया।अमित शाह और पीएम मोदी को बाद में शिवसेना के प्रति सहानुभूति नहीं रही ये उनके बयानों से और बॉडी लैंग्वेज से समझ आता था।