महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 20 नवंबर को होगी। अब मतदान में बहुत कम दिन ही बचे हैं और सियासत चरम पर है। वोटिंग से ठीक दो दिन पहले सीएम एकनाथ शिंदे ने रविवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वो सीएम पद की रेस में कहीं नहीं हैं। न्यूज एजेंसी आजतक से बातचीत में शिंदे ने कहा कि ये भी तय है कि सीएम महायुति का ही होगा लेकिन मैं किसी रेस में नहीं। बता दें कि इससे ठीक एक दिन पहले ही महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में भी यही बात कही थी। तो अब महायुति की सरकार बनी तो सीएम कौन होगा, इसपर अभी से सस्पेंस शुरू हो गया है।
फडणवीस ने कहा था-मैं सीएम रेस में नहीं
फडणवीस ने 16 नवंबर को एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा था कि एनसीपी (SP) चीफ शरद पवार परिवार और पार्टी तोड़ने में महारथी हैं। एनसीपी और शिवसेना अपनी अति महत्वाकांक्षाओं के कारण टूटीं।क्योंकि उद्धव सीएम बनना चाहते थे, इसलिए उन्होंने हमसे नाता तोड़ लिया। मुख्यमंत्री बनने के बाद वे आदित्य ठाकरे को आगे लाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने एकनाथ शिंदे को सफोकेट करने की कोशिश की।उद्धव ठाकरे के लिए भाजपा के दरवाजे बंद हो चुके हैं। महाराष्ट्र में पार्टी भविष्य में भी कभी उनके साथ नहीं जाएगी। शिंदे को सीएम बनाने की जानकारी मुझे पहले से थी। मैं मुख्यमंत्री या अध्यक्ष किसी भी रेस में नहीं हूं।
शिंदे ने पीएम मोदी के नारे का किया समर्थन
सीएम शिंदे ने कांग्रेस पर जमकर तंज कसा और कहा कि कांग्रे की नीति फूट डालो राज करो की है। राहुल गांधी, बाला साहेब ठाकरे को हिंदू हृदय सम्राट कब कहेंगे? बालासाहेब ठाकरे खुद कहते थे कि मैं अपनी पार्टी को कभी भी कांग्रेस की पार्टी नहीं बनने दूंगा, लेकिन उद्धव ठाकरे खुद के स्वार्थ और मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस के साथ चले गए। शिंदे ने इसके साथ ही पीएम मोदी के 'एक हैं तो सेफ हैं' नारे का भी समर्थन किया।