Friday, November 15, 2024
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एंटीलिया केस: कौन है सचिन वाजे का गॉडफादर है?

एंटीलिया केस में सचिन वाजे पर NIA का शिकंजा कसता जा रहा है। अब वाजे के गॉडफादर की तलाश हो रही है। अंबानी हाउस के बाहर विस्फोटक वाली स्कॉर्पियो में वाजे का लिंक तो स्टैबलिश हो चुका है लेकिन NIA को ये बात हजम नहीं हो रही है कि एक असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर ने इतनी बड़ी साजिश को अंजाम दिया। 

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 16, 2021 10:45 IST

मुंबई. एंटीलिया केस में सचिन वाजे पर NIA का शिकंजा कसता जा रहा है। अब वाजे के गॉडफादर की तलाश हो रही है। अंबानी हाउस के बाहर विस्फोटक वाली स्कॉर्पियो में वाजे का लिंक तो स्टैबलिश हो चुका है लेकिन NIA को ये बात हजम नहीं हो रही है कि एक असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर ने इतनी बड़ी साजिश को अंजाम दिया। जांच एजेंसी अब वाजे के गॉडफादर की तलाश में लग गई हैं। सचिन वाजे की इनोवा कार पर भी बड़ा खुलासा हुआ है। 24 फरवरी की रात इनोवा कार कमिश्नर ऑफिस से निकली थी, इनोवा कार के बाहर जाने की एंट्री रजिस्टर में दर्ज नहीं है। अगले दिन वाजे ने इनोवा कार को वर्कशॉप में भेजा,  जहां से NIA ने इनोवा बरामद की।  

सचिन वाज़े के इनोवा की मिस्ट्री क्या है?

  1. 24 फरवरी, रात 8 बजे - वाजे के ड्राइवर ने इनोवा को ऑफिस में पार्क किया 
  2. 24 फरवरी, रात 12 बजे के बाद यही कार कमिश्नर ऑफिस से निकली, लेकिन एंट्री-एग्जिट डायरी में इनोवा की एंट्री नहीं थी 
  3. 24 फरवरी, रात 1 बजे... यही इनोवा कार एंटीलिया के बाहर दिखी 
  4. 24 फरवरी, रात 3 बजे फिर से इनोवा मुलुंड टोल नाके पर दिखी
  5. 25 फरवरी की सुबह इनोवा कार कमिश्नर ऑफिस में वापस आई और उसी दिन वाजे ने इनोवा को वर्कशॉप में भेज दिया 

सचिन वाजे ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की

निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के समीप विस्फोटक से भरे वाहन बरामद होने के सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा उनकी की गयी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। मुम्बई पुलिस के सहायक पुलिस निरीक्षक वाजे को उनकी कथित संलिप्तता को लेकर शनिवार को एनआईए ने गिरफ्तार किया था। अपने भाई सुधर्म के माध्यम से दायर की गयी इस याचिका में दावा किया गया है कि वाजे को ‘कुछ राजनीतिक ताकतों’ ने ‘बलि का बकरा’ बनाया है।

बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका आमतौर पर ‘अवैध हिरासत या गिरफ्तारी’ को चुनौती देने के लिए दायर की जाती है। इस याचिका में उच्च न्यायालय से दरख्वास्त की गयी है कि वह एनआईए को अदालत के सामने पेश करने और यह साबित करने का निर्देश दे कि गिरफ्तारी के दौरान उचित प्रक्रिया का पालन किया गया। याचिका में कहा गया है कि पुलिस अधिकारी को प्राथमिकी की प्रति नहीं दी गयी और उन्हें गिरफ्तारी का कारण भी नहीं बताया गया एवं न ही उनके परिवार को सूचित किया गया।

उसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि जिस हड़बड़ी के साथ वाजे को गिरफ्तार किया गया, वह यह दर्शाता है कि केंद्रीय एजेंसी ने दुर्भावना से कार्रवाई की। एनआईए पिछले महीने अंबानी के बहुमंजिला निवास ‘एंटिलिया’ के पास विस्फोटकों से भरे एक स्कोर्पियो बरामद होने की जांच कर रही है। जब ठाणे के व्यापारी मनसुख हिरन की रहस्यमय मौत हो गयी तब एनआईए ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली। हिरन ने दावा किया था कि यह गाड़ी उनके कब्जे से चुरायी गयी थी।

याचिका में कहा गया है कि हिरन की मौत के लिए उनकी पत्नी द्वारा वाजे पर लगाये गये आरोप झूठे हैं। वाजे ने दावा किया कि जब महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की तब ‘ पूरी मीडिया बिरादरी और समाज उन्हें निशाना बनाने लगाया क्योंकि उन्हें बलि का बकरा चाहिए था। यह याचिका अभी सूचीबद्ध नहीं की गयी है।

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