मुंबई: सोमवार को मुंबई में आए तूफान और बारिश के दौरान एक विशाल होर्डिंग के गिर गया था। इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई थी और 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। देश के सबसे बड़े बिलबोर्ड में से एक बिलबोर्ड आखिर कैसे गिर गया? बिलबोर्ड के निर्माण में क्या खामियां थीं, जिसकी वजह से आंधी में बिलबोर्ड धराशायी हो गया? 14 बेगुनाह लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है? इंडिया टीवी ने जब इस मामले की पड़ताल की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। बिलबोर्ड की उंचाई करीब 100 फीट थी और इसका साइज 120×120 था। इसका वजन करीब 5 टन से ज्यादा था।
बिलबोर्ड गिरने की पहली वजह
हादसे के वक्त बिलबोर्ड जड़ के साथ यानी बिलबोर्ड के फाउंडेशन के साथ उखड़ कर गिर गया। जिस जगह ये बिलबोर्ड बनाया गया है, वहां की मिट्टी दलदली है। प्राथमिक जानकारी के अनुसार, बिलबोर्ड निर्माण के वक्त सॉइल टेस्टिंग नहीं की गई, यानी मिट्टी की जांच नहीं की गई।
बिलबोर्ड गिरने की दूसरी वजह
बिलबोर्ड की उंचाई करीब 100 फीट से ज्यादा थी। ऐसे में बिलबोर्ड के निर्माण के वक्त फाउंडेशन यानी बुनियाद को मजबूत बनाना चाहिए था। बिलबोर्ड की उंचाई 100 फीट से ज्यादा थी, ऐसे में फाउंडेशन कम से कम 7-8 मीटर जमीन में होना चाहिए था, लेकिन इस केस में फाउंडेशन महज 3 मीटर से भी कम था।
बिलबोर्ड गिरने की तीसरी वजह
फाउंडेशन को पूरी तरह से कॉंक्रीट मेटेरियल से बनाना अनिवार्य था लेकिन इस केस में फाउंडेशन के निर्माण में मिट्टी और बड़े बड़े पत्थरों का इस्तेमाल किया गया। कॉंक्रीट का इस्तेमाल बहुत कम किया गया। अगर फाउंडेशन में अच्छे कॉंक्रीट मेटेरियल का इस्तेमाल किया गया होता तो शायद तेज आंधी के वक्त बिलबोर्ड जड़ से नहीं उखड़ता।
बिलबोर्ड गिरने की चौथी वजह
मुंबई में बीएमसी किसी भी बिलबोर्ड को 40×40 फीट से ज्यादा की इजाजत नहीं देती है। इस केस में बिलबोर्ड करीब 120×120 फीट था। बिलबोर्ड GRP यानी गवरमेंट रेलवे पुलिस की जमीन पर बना था, इसलिए बिलबोर्ड कंपनी ने रेलवे पुलिस से तो इजाजत ली लेकिन बीएमसी से परमिशन नहीं ली गई। बिलबोर्ड के सामने कई एकड़ का ओपन एरिया है। ऐसे में जब आंधी आई तो हवा का सारा दबाव बिलबोर्ड पर आया। बिलबोर्ड अगर स्टैंडर्ड साइज होता तो हवा का दबाव झेल जाता।
बिलबोर्ड गिरने की पांचवी वजह
बिलबोर्ड की ऊंचाई ज्यादा थी। ऐसे में बिलबोर्ड में एयर यानी हवा पास होने की जगह छोड़नी चाहिए थी लेकिन एयर पास होने की जगह छोड़ी नहीं गई थी, जिसकी वजह से जब आंधी आई तब तेज हवा का सारा दबाव बिलबोर्ड पर आ गया और कमजोर फाउंडेशन और एयर पास होने की जगह नहीं होने की वजह से बिलबोर्ड पल भर में गिर गया।
बिलबोर्ड हादसे की दिल दहला देने वाली तस्वीर सामने आई
बिलबोर्ड हादसे की दिल दहलाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। भीमकाय बिलबोर्ड के नीचे करीब 50 गाड़ियां दबी हैं। बिलबोर्ड का वजन करीब 5 टन से ज्यादा था। 5 टन लोहे के मलबे के नीचे दबी गाड़ियां चकनाचूर हो गई हैं। गुड्स व्हीकल तहस-नहस हो चुके हैं। बिलबोर्ड के निर्माण में इस्तेमाल हुए लोहे की चपेट में जो आया, वो तबाह हो गया।
हादसे के वक्त पेट्रोल पंप पर करीब 100 लोग थे, जिनमें से अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, 60 से ज्यादा लोग जख्मी हैं। पेट्रोल पंप भी उजड़ चुका है।
पर्यावरण विज्ञान के एक्सपर्ट ने क्या कहा?
पर्यावरण विज्ञान के एक्सपर्ट शाबाज ने बताया कि बिलबोर्ड के निर्माण में खामियां थीं। नियमों की अनदेखी कर बिलबोर्ड का फाउंडेशन बनाया गया। फाउंडेशन मेटेरियल निचले दर्जे का था और हवा पास करने की कोई व्यवस्था बिलबोर्ड में नहीं थी।