मुंबईः केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने इंडिया टीवी चुनाव मंच पर खुलकर सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि महायुति (महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन) को विधानसभा चुनावों में उनकी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) यानी आरपीआई को कुछ सीटें देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने 5 सीटें मांगी हैं लेकिन महायुति के बड़े नेता हमें एक भी सीट देने को तैयार नहीं हैं। हमारी पार्टी गांव-गांव में है। हमारी पार्टी मुंबई और गली-गली में है। हमारी छोटी पार्टी है। इसलिए देवेंद्र फडनवीस को चाहिए कि उनकी पार्टी की कुछ सीटें दें। पांच सीटों में से कम कम हमें 3-4 सीटें तो मिलनी ही चाहिए।
आठवले ने बताया क्या-क्या है उनकी डिमांड
महायुति में अपनी डिमांड के बारे में बताते हुए रामदास आठवले ने कहा कि हमें महाराष्ट्र में सत्ता की भागीदारी मिलनी चाहिए। कम से कम एक एमएलसी पद भी चाहिए। राज्य में हमारी पार्टी को मंत्री पद भी चाहिए। मंडल में हमारी पार्टी का चेयरमैन बनना चाहिए। आरपीआई को सत्ता में भागीदारी मिले यह हमारी डिमांड है।
महायुति के नेताओं के साथ जल्द होगी मुलाकात
आठवले ने कहा कि हमारी एक दो दिन में हमारी महायुति के नेताओं से मुलाकात होगी। इसमें सीट बंटवारे को लेकर चर्चा होगी। इस मीटिंग में यह भी तय होगा कि वे लोग हमें कितनी सीटें देने वाले हैं। सत्ता में आने पर हमें क्या-क्या मिलेगा। दलित समाज और हमारी पार्टी की कुछ डिमांड भी होगी। हमारी मांगों को पूरा करने का वादा भी हमें मिलना चाहिए। मीटिंग में एग्रीमेंट भी होगा।
दलित नेताओं की एकजुटता पर दिया ये जवाब
एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि देशभर के सभी दलित नेताओं को एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बड़े दलित नेताओं को एक फ्रंट बनाना चाहिए जिसका अध्यक्ष मायावती को बनाना चाहिए। मायावती, चिराग पासवान समेत अन्य सभी को एक मंच पर आना चाहिए। हालांकि मुझे पता है ऐसा नहीं होने वाला है।
कांग्रेस पर साधा निशाना
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के सिर्फ संविधान की किताब दिखाने से कुछ नहीं होगा। कांग्रेस ने 60-70 साल में गरीबी क्यों नहीं हटाई? शेर के अंदाज में उन्होंने कहा कि अगर एक साथ आ जाएं हिंदू-मुसलमान तो बढ़ जाएगी देश की शान। हम सबको देना है अपनी एकता की तरफ ध्यान।
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