महाराष्ट्र में नायलॉन मांझा एक बार फिर जानलेवा साबित हुआ है। इस मांझे से आठ लोगों का गला कट गया। सभी घायलों को उपचार के लिए अकोला रेफर किया गया है। इस मांझे पर सरकार पहले ही बैन लगा चुकी है, लेकिन अभी भी धड़ल्ले से इसका इस्तेमाल हो रहा है। इसकी वजह से हर साल कई लोगों की मौत हो जाती है, लेकिन कम कीमत होने के कारण लोग इसका इस्तेमाल करते हैं।
ताजा घटना मंगरुळपीर में हुई है। यहां नायलॉन मांझे के इस्तेमाल से आठ लोगों के गले कट गए, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें वाशिम और अकोला के अस्पतालों में रेफर किया गया है। यह घटना नायलॉन मांझे के खतरनाक उपयोग की ओर फिर से ध्यान खींचती है, जिस पर पहले से ही प्रतिबंध लगाया गया है।
पुलिस से कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोगों ने पुलिस और प्रशासन से इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की है। नायलॉन मांझा न सिर्फ पतंगबाजी के दौरान बल्कि राहगीरों के लिए भी घातक साबित हो रहा है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और नायलॉन मांझे की बिक्री व उपयोग पर और कड़ा प्रतिबंध लगाया जाएगा।
स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली में चीनी मांझे से हुई थी परेशानी
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पतंगबाजी में चीनी मांझे के इस्तेमाल के कारण बिजली लाइनों के ‘ट्रिप’ (खराब) होने की 50 से अधिक घटनाएं हुईं थी। इसके कारण शहर भर में हजारों लोगों को बिजली आपूर्ति में बाधा का सामना करना पड़ा था। विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के अधिकारियों के अनुसार चीनी मांझे के कारण सबसे अधिक व्यवधान उत्तरी दिल्ली में हुआ था। उत्तरी दिल्ली क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति करने वाली टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) की तरफ से बताया गया था कि 11 केवी स्तर पर 49 व्यवधानों के कारण लगभग 25,000 ग्राहक प्रभावित हुए थे।
(वाशिम से इमरान खान की रिपोर्ट)