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महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस के बीच तेज हुई जुबानी जंग, दोनों ने एक-दूसरे पर बोला हमला

उद्धव ठाकरे ने बीजेपी और एकनाथ शिंदे से सवाल किया कि यही सब करना है तो सावरकर के नाम पर यात्रा निकाल कर क्या मतलब है? उद्धव ठाकरे ने कहा कि वो पुलिस कमिश्नर से मिलने गए लेकिन वो मिले नहीं।

Reported By : Rajesh Kumar, Yogendra Tiwari Edited By : Sudhanshu Gaur Updated on: April 04, 2023 17:24 IST
Maharashtra Politics, Uddhav Thackeray, BJP, Eknath Shinde, Shiv Sena, Devendra Fadnavis- India TV Hindi
Image Source : FILE उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस के बीच तेज हुई जुबानी जंग

मुंबई: ठाणे में सोमवार देर शाम शिवसेना (UBT) की कार्यकर्ता रोशनी शिंदे पर हुए हमले के बाद मंगलवार को उद्धव ठाकरे अपनी पत्नी रश्मि ठाकरे और बेटे आदित्य ठाकरे के साथ रौशनी शिंदे से मिल कर उनका हाल चाल लेने अस्पताल पहुंचे थे। उद्धव बाद में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ठाणे पुलिस कमिश्नर से भी मिलने गए हालांकि कमिश्नर उस वक्त दफ़्तर में मौजूद नही थे। वहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की। उद्धव ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने जिस सरकार को नपुंसक कहा है उससे आखिर क्या अपेक्षा कर सकते हैं। ये धर्मवीर आनंद दिघे का सुसंकृत ठाणे था लेकिन आज गुंडो का ठाणे हो गया है। यहां आजकल महिलाओं का गुंडा गैंग घूम रहा है।"

'वो गिड़गिड़ाती रही लेकिन वे उसके साथ मारपीट करते रहे'

उन्होंने कहा कि रोशनी शिंदे नाम की हमारी कार्यकर्ता पर उनके दफ्तर में घुस कर मारपीट की गई। रोशनी का प्रेगनेंसी का इलाज चल रहा लेकिन उसके बावजूद उसके पेट में मारा गया। वो गिड़गिड़ाती रही कि पेट पर मत मारो लेकिन मारने वालो ने एक नहीं सुनी। उद्धव ने बीजेपी और एकनाथ शिंदे से सवाल किया कि यही सब करना है तो सावरकर के नाम पर यात्रा निकाल कर क्या मतलब है? उद्धव ठाकरे ने कहा कि वो पुलिस कमिश्नर से मिलने गए लेकिन वो मिले नहीं। एक दिन पहले शिंदे गुट की तरफ से पत्रकार को भी धमकी दिया गया। अब महिला को मारा गया है। 

'महाराष्ट्र के फालतू और लाचार गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए'

उद्धव ठाकरे ने राज्य के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री पर भी जम कर हमला बोला। उद्धव ने कहा कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बोलूं  या गुंडामंत्री ये जनता को तय करना चाहिए। महाराष्ट्र के फालतू और लाचार गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। उद्धव ठाकरे ने कहा कि कल जब रौशनी पुलिस थाने पहुंची तब उसकी FIR नहीं ले रहे थे और अब तक कोई गिरफ्तारी भी नहीं हुआ है। अगर सरकार में लाज शर्म बची हो तो कमिश्नर को निलंबित करो या उनका तबादला करो।

देवेंद्र फडणवीस ने किया जवाबी हमला 

वहीं उद्धव ठाकरे के हमले के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्होंने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, उसके नीचे की भाषा मुझे आती है, लेकिन मैं ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे फ्रस्टेशन में है, ढाई साल वो मुख्यमंत्री रहे लेकिन घर से बाहर नहीं निकले। घर से कार्य किया, जनता में कभी वो गये नहीं। उनके बारे में जनता जानती है, और वो ऐसे कमजोर मुख्यमंत्री रहे जिनके दो-दो मंत्री जेल में जाने के बावजूद उनका इस्तीफा नहीं ले पाए। असल में उनको कुर्सी जाने का डर था। वाजे जैसे ब्लैकमेलर को पुलिस फोर्स में लेकर उसे बचाने काम करने वाले मुख्यमंत्री के रूप में महाराष्ट्र और देश की जनता ने देखा है। ऐसे व्यक्ति को मैं महत्व नहीं देता जो सत्ता के लिए विचारों को लात मारते हैं। कुर्सी के लिए विचार छोड़ देते हैं, ऐसे व्यक्ति पर मैं बोलूं यह ठीक नहीं है।

'जिसने भी गलत किया उसपर होगी कार्रवाई' 

उन्होंने कहा कि मैं फिर से गृहमत्री हूं, मुझे गृहमंत्री बनने से बहुत लोगों पर बहुत लोगों को परेशानी हो रही है। बहुत लोग लगे हैं कि मुझे गृह मंत्री का पद छोड़ना पड़े। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में में गृह मंत्री हूं, जो जो गलत काम करेगा उसको जेल में भेजे बिना में रहूंगा नहीं। उन्होंने कहा कि जो घटना घटी है उसकी निष्पक्ष जांच होगी, सरकार करेगी, उसका राजकरण  करने की जरूरत नहीं है। उस संदर्भ में उचित चौकसी होगी, जिसने भी गलत किया है उसपर कड़ी कार्रवाई होगी।

पूरा मामला क्या है?

दरअसल फेसबुक पोस्ट करने की वजह से उद्धव बाला साहेब ठाकरे गुट की महिला कार्यकर्ता रोशनी शिंदे को शिवसेना शिंदे गुट के तकरीबन 20 महिलाओं सोमवार देर शाम पीट दिया था। उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुटकी महिला कार्यकर्ता रोशनी शिंदे ने अपने फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा था ठाणे में रैली कवर करने के दौरान एक पत्रकार को शिंदे गुट के प्रवक्ता ने जान से मारने की धमकी दी और बाहर ना घूमने को कहा है। अगर आज स्वर्गीय धर्मवीर आनंद दिघे होते तो ऐसा होता क्या यह सबको मालूम है। सिर्फ आनंदमठ पर नाम लिखकर स्वर्गीय धर्मवीर आनंद दिघे द्वारा दी गई शिक्षा हासिल नहीं की जा सकती।

पोस्ट वायरल होने के बाद हुई यह घटना 

रोशनी शिंदे के इस पोस्ट के वायरल होने के बाद का कासरवडवली में स्थित उनके दफ्तर में शिंदे गुटके 20 से ज्यादा महिलाएं पहुंच गयी और रोशनी शिंदे के साथ हाथापाई करना शुरू कर दिया। मारपीट में रोशनी शिंदे को चोटे आई हैं और उपचार के लिए उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ठाकरे गुटके कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पुलिस रोशनी शिंदे को मेडिकल जांच के लिए सिविल अस्पताल नहीं भेज रही थी फिर उन लोगो ने ही नजदीकी अस्पताल में उसका मेडिकल करवाया और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया। फिलहाल वह डॉक्टरों की निगरानी में है। पिछले 6 महीने से रोशनी शिंदे का प्रेगनेंसी ट्रीटमेंट चल रहा था।

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