Sunday, December 22, 2024
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मंदिरों में ड्रेस कोड के समर्थन में विश्व हिंदू परिषद, कहा- फुहड़ता दिख रही, उस पर पाबंदी जरूरी

विश्व हिंदू परिषद का कहना कि सभी मंदिरों को ड्रेस कोड को मान्य करना चाहिए और इसे लागू करना चाहिए। विश्व हिंदू परिषद का मंदिर मठ विभाग इस संबंध में महाराष्ट्र के मंदिर, महाराष्ट्र मंदिर महासंघ एवं मंदिरों से चर्चा कर रहा है।

Reported By : Yogendra Tiwari Edited By : Malaika Imam Published : Jun 05, 2023 13:11 IST, Updated : Jun 05, 2023 13:53 IST
प्रतीकात्मक फोटो
Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE प्रतीकात्मक फोटो

महाराष्ट्र के मंदिरों के लिए ड्रेस कोड की मांग विश्व हिंदू परिषद भी करने लगी है। विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि महाराष्ट्र मंदिर महासंघ ने जो मंदिरों की ड्रेस कोड की बात की है वह निर्णय स्वागत योग्य है। सभी मंदिरों को इसका पालन करना चाहिए, सभी मंदिर इसे लागू करें, मंदिरों में वस्त्रों के लेकर जो फुहड़ता दिख रही है, उस पर पाबंदी लगनी चाहिए।

विश्व हिंदू परिषद के महाराष्ट्र गोवा के क्षेत्र प्रमुख गोविंद शेंडे ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद के मंदिर मठ विभाग इस संबंध में महाराष्ट्र के मंदिर, महाराष्ट्र मंदिर महासंघ एवं मंदिरों के साथ बातचीत एवं विमर्श कर रहा है। गोविंद शेंडे ने कहा कि इसको सभी मंदिरों को लागू करना चाहिए, सभी इस कानून को माने, इससे मंदिरों में बहुत अच्छा वातावरण निर्माण होगा, सभी मंदिरों को ड्रेस कोड को मान्य करना चाहिए और इसे लागू करना चाहिए।

"मंदिरों में ड्रेस कोड को लागू किया जाए"

नागपुर सहित पूरे महाराष्ट्र के मंदिरों में ड्रेस कोड महाराष्ट्र मंदिर महासंघ की तरफ से लागू किया जा रहा है, जिसमें नागपुर के साथ-साथ विदर्भ के कई मंदिर इसका पालन करने की गाइडलाइन जारी कर दिए हैं। महाराष्ट्र मंदिर संघ की इस गाइडलाइन को विश्व हिंदू परिषद ने भी समर्थन किया है। विश्व हिंदू परिषद ने जाहिर तौर पर लोगों से आह्वान किया है कि मंदिरों में ड्रेस कोड को लागू किया जाए। 

नागपुर में लगभग 9/10 मंदिरों ने ड्रेस कोड लागू कर दिया है। वही, अमरावती के 8 प्रसिद्ध मंदिरों में भी ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। अंग प्रदर्शन करने वाले कपड़े पहनकर प्रवेश पर इन मंदिरों ने रोक लगा दी है। साथ ही साथ मंदिर के परिसर में बैनर भी लगाए हैं, जिसमें एक यह लिखा गया है कि छोटे कपड़े पहन कर मंदिरों में प्रवेश वर्जित है, उसमें कटी-फटी जींस, बरमूडा, शॉर्ट स्कर्ट, अर्धनग्न कपड़े, उत्तेजक वस्त्र को अशोभनीय वस्त्र बताया गया है।

"महाराष्ट्र के 300 मंदिरों में ड्रेस कोड जल्द होगा लागू"

महाराष्ट्र मंदिर महासंघ ने इसकी पहल की है। महाराष्ट्र मंदिर महासंघ का मानना है कि महाराष्ट्र के लगभग 300 मंदिरों में ड्रेस कोड जल्द लागू हो जाएगा। 4 और 5 फरवरी को मंदिर महासंघ की बैठक हुई थी, जिसमें मंदिरों के लिए कुछ गाइडलइन जारी की गई थी। महासंघ की उस बैठक में लगभग डेढ़ सौ मंदिरों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

मंदिर में पहुंचे भक्तों की क्या है प्रतिक्रिया?

मंदिर में पहुंचे भक्तों का कहना है कि यदि कोई घर से मंदिर के लिए ही निकलता है, तो उस समय यह ड्रेस कोड मान्य है, लेकिन जब कोई घर से निकलकर अपने कार्यालय जाता है या कोई अन्य जगह पर जाता है और रास्ते में मंदिर पड़ता है, तो लोगों के मन में भाव उठता है कि भगवान के दर्शन कर ले, उस समय यदि इस तरीके की ड्रेस कोड की पाबंदी की वजह से लोग मंदिर परिसर में नहीं जा पाएंगे। भक्तों का कहना है कि मंदिर प्रशासन कोई व्यवस्था करे, उदाहरण के तौर पर लहंगा, चुन्नी, दुपट्टा, लूंगी इन वस्त्रों का वहां पर प्रदान करें, ताकि लोग मंदिर में प्रवेश करते वक्त इसका उपयोग कर सकें।

वहीं, मंदिर प्रशासन का कहना है कि मंदिरों में वस्त्रों की फुहड़ता अब नहीं होगी। कहीं न कहीं मापदंड इसके लिए रखना तय किया गया है और उसका लोगों को पालन करना पड़ेगा। धीरे-धीरे लोगों को समझाया जा रहा है कि मंदिर में ड्रेस कोड का पालन करें।

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