महाराष्ट्र: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने कोर्डेलिया क्रूज से ड्रग्स की जब्ती और घूस मांगने के मामले मुंबई में NCB के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े से शनिवार को पांच घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोर्डेलिया क्रूज से ड्रग्स की जब्ती मामले में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान का नाम शामिल नहीं करने की एवज में उनसे कथित रूप से 25 करोड़ रुपये मांगने से जुड़े मामले में वानखेड़े पूछताछ के लिए सीबीआई के समक्ष पेश हुए।
उन्होंने बताया कि वानखेड़े से पांच घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई। अधिकारी ने बताया कि वानखेड़े सीबीआई के बांद्रा-कुर्ला परिसर स्थित कार्यालय में सुबह सवा 10 बजे के आसपास पहुंचे। उन्होंने एजेंसी के कार्यालय में जाते समय मीडियाकर्मियों से केवल इतना कहा, ‘‘सत्यमेव जयते।’’ कार्यालय से निकलते समय उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात भी नहीं की।
पूछताछ के दौरान समीर वानखेड़े को दोपहर दो बजे लंच की अनुमति दी गई। इसके बाद वह सीबीआई कार्यालय लौटे और जांच में शामिल हुए। अधिकारी ने कहा कि उनके खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद एजेंसी के सामने यह उनकी पहली पेशी थी। सीबीआई ने वानखेड़े को इस मामले में पूछताछ के लिए बृहस्पतिवार को समन भेजा था, लेकिन वह उस दिन एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए थे।
11 मई को दर्ज की गई है प्राथमिकी
एनसीबी ने आर्यन खान के खिलाफ सबूतों के अभाव के कारण मामले में दाखिल आरोपपत्र में वानखेड़े का नाम शामिल नहीं किया। सीबीआई ने कथित तौर पर साजिश रचने और रिश्वत से जुड़े अपराधों के अलावा जबरन वसूली के आरोप से जुड़ी एनसीबी की शिकायत पर वानखेड़े और चार अन्य के खिलाफ 11 मई को प्राथमिकी दर्ज की थी। वानखेड़े ने बंबई उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर जबरन वसूली और रिश्वत के आरोपों को लेकर उनके खिलाफ दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था।
आर्यन खन को 3 अक्टूबर 2021 को गिरफ्तार किया गया था
बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सीबीआई को निर्देश दिया था कि शाहरुख खान से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोपी वानखेड़े के खिलाफ गिरफ्तारी जैसी कोई कठोर कार्रवाई 22 मई तक नहीं की जाए। आर्यन को तीन अक्टूबर 2021 को कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, आर्यन पर लगे आरोपों को सही साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य पेश करने में नाकाम रहने पर बंबई उच्च न्यायालय ने उन्हें तीन हफ्ते बाद जमानत दे दी थी।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि एनसीबी, मुंबई क्षेत्र को तीन अक्टूबर 2021 में क्रूज जहाज पर कुछ लोगों के पास मादक पदार्थ होने और उनके द्वारा उसका सेवन किए जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद उसके (एनसीबी के) कुछ अधिकारियों ने आरोपियों को छोड़ने के एवज में रिश्वत मांगने की साजिश रची।