महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता व पूर्व मंत्री नसीम खान इन दिनों पार्टी से नाराज चल रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंने पार्ट के कैम्पेन कमेटी और स्टार प्रचारक कमेटी से इस्तीफा दे दिया था। इस बीच उनसे मुलाकात करने के लिए मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष और उत्तर मध्य सीट से उम्मीदवार वर्षा गायकवाड़ मिलने पहुंची। वर्षा गायकवाड़ को नसीम खान को मनाने की जिम्मेदारी दी गई है। नसीम खान से मुलाकात के बाद वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि मेरा नसीम खान से पारिवारिक रिश्ता है। वो मेरे बड़े भाई हैं। एक छोटी बहन की हैसियत से मैं उनसे मिलने आई थी। उनसे पार्टी और मेरे लिए प्रचार करने की मांग की है। मेरे पिता के समय से मैं नसीम खान को जानती हूं। आखिरी निर्णय खुद भाई लेंगे। मुझे उम्मीद है वो मेरा साथ देंगे।
नसीम खान और वर्षा गायकवाड़ की मुलाकात
वहीं इस बाबत नसीम खान ने कहा कि मैंने पार्टी के कैम्पेन कमेटी और स्टार प्रचारक कमेटी से इस्तीफा दे दिया है। अब किसी के लिए चुनाव प्रचार कनरे का सवाल ही नहीं है। मैं अपने फैसले पर कायम हूं। यहां बात सिर्फ मेरी नहीं है। मेरे मुस्लिम और उत्तर भारतीय समाज का भी है। इसी कारण मैंने ये फैसला लिया है। वर्षा गायकवाड़ मेरी छोटी बहन हैं। उनसे स्नेह है, ये अलग मुद्दा है। मेरी उनसे नाराजगी नहीं है। यह मुद्दा वर्षा गायकवाड़ के चुनाव प्रचार का नहीं है। उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी महाराष्ट्र में है। गठबंधन है इसलिए मुस्लिम को टिकट नहीं मिला। समझौते करने पड़ते हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी अध्यक्ष हैं। मैं उनकी इज्जत करता हूं। लेकिन कांग्रेस क्या सिर्फ मुसलमानों को वोट चाहती है।
आलाकमान बुलाएगा तो जाऊंगा जरूर
उन्होंने आगे कहा कि अगर आलाकमान बुलाएगा तो जाउंगा। अपनी बात उनके सामने रखूंगा। मेरी बात सुनेंगे तो सिपाही की तरफ कांग्रेस पार्टी के साथ खड़ा रहूंगा। नहीं तो फिर बाद में निर्णय लूंगा। वहीं प्रकाश आम्बेडकर, वारिस पठना, इम्तियाज जलील के प्रस्ताव को लेकर उन्होंने कहा कि मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं, लेकिन यह बात सिर्फ मेरी नहीं है। मुझे देखकर अच्छा लगा कि मुस्लिमसमाज के लिए यह नेता खड़े रहे। लेकिन कांग्रेस जब कोई मुस्लिम उम्मीदवार खड़ा करती है तो उसे हराने का काम भी तो यही पार्टी के नेता करते हैं।