मुंबई: वंदे मातरम् विवाद में मुस्लिम संगठन रजा अकादमी भी कूद गया है। रजा अकादमी के सचिव खलील उर रहमान ने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा कि मुसलमान वंदे मातरम् नहीं बोलेंगे। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् से सिर्फ मुसलमानों को ही नहीं बल्कि सिखों और ईसाइयों को भी दिक्कत है। उन्होंने कहा कि देश में वंदे मातरम् के अलावा और भी बहुत से मुद्दे हैं उन पर बात होनी चाहिए। बता दें कि महाराष्ट्र में सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने रविवार को कहा था कि राज्य सरकार के सभी अधिकारियों को दफ्तरों में फोन कॉल उठाने पर 'हेलो' के बजाय 'वंदे मातरम' कहना होगा।
‘हम देश की पूजा नहीं कर सकते हैं’
इंडिया टीवी ने जब खलील उर रहमान से पूछा कि धर्म और देश में कौन बड़ा है तो उन्होंने कहा, ‘देखिए अल्लाह सबसे बड़े हैं। कोई भी मुसलमान न कहेगा, न कहता है वंदे मातरम्। नही बोलेंगे वंदे मातरम्। जमीन पर इबादत करते हैं, जमीन की इबादत नहीं करते है। देखते तो आसमान को ही हैं न। वंदे मातरम् बोलते ही कौन तबसे देशभक्त ही हो जायेंगे? इस्लाम में लिखा है अल्लाह की ही पूजा करो, लेकिन वंदे मातरम् देश की पूजा की बात करता है, जो नहीं कर सकते हैं।’
‘सिखों और ईसाइयों को भी इससे दिक्कत’
रहमान ने आगे कहा, ‘देश में और भी बड़े मुद्दे हैं उस पर बात कीजिए, मुसलमानों ने भी खूब योगदान दिया है देश के लिए। सिर्फ मुसलमानों को ही नहीं, सिखों और ईसाइयों को भी वंदे मातरम से प्रॉब्लम है।’ इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली AIMIM के विधायक मुफ्ती इस्माइल अब्दुल खलीक ने कहा था कि ‘वंदे मातरम्’ कहने से देश का सम्मान नहीं बढ़ता है। इस्माइल ने कहा था, ‘हम भारत की पूजा नहीं करते हैं। हम देश की पूजा नहीं करते हैं। वंदे मातरम् से देश का सम्मान बढ़ने वाला नहीं है। यह एक सेक्युलर मुल्क है।’
सुधीर मुनगंटीवार ने अब कही ये बात
इस बीच विपक्षी दलों द्वारा की गई आलोचना के बाद सुधीर मुनगंटीवार ने मंगलवार को कहा कि अधिकारियों के लिए फोन कॉल उठाने के बाद ‘वंदे मातरम्’ कहना जरूरी नहीं है, और इसकी बजाय वे राष्ट्रवाद को दिखाने वाले किसी दूसरे शब्द का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। मुनगंटीवार ने रविवार को कहा था कि देश अमृत महोत्सव मना रहा है, लिहाजा राज्य सरकार के सभी अधिकारियों को अगले साल 26 जनवरी तक कार्यालयों में फोन कॉल उठाने के बाद हैलो के बजाय ‘वंदे मातरम्’ कहना होगा और 18 अगस्त तक इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किया जाएगा।