पुणे: ‘असली’ और ‘नकली’ शिवसेना विवाद केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की भी एंट्री हो चुकी है। अठावले ने मंगलवार को कहा कि असली शिवसेना महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला धड़ा है और उसे मुंबई के शिवाजी पार्क में पार्टी की सालाना दशहरा रैली आयोजित करने का ‘नैतिक अधिकार’ है। बता दें कि मुंबई के नगर निकाय (BMC) ने बताया कि उसे शिवसेना के उद्धव ठाकरे और शिंदे गुटों से अक्टूबर में पार्टी की दशहरा रैली के लिए विशाल शिवाजी पार्क को ‘रिजर्व’ करने के लिए अप्लिकेशन मिले हैं।
शिवाजी पार्क पर ‘दशहरा रैली’ के लिए 2 दावेदार मैदान में
‘दशहरा रैली’ शिवसेना के राजनीतिक कार्यक्रमों में सबसे महत्वपूर्ण आयोजन मानी जाती है, जो बीते कईं दशकों से शिवाजी पार्क में हो रही है, लेकिन जून में शिंदे गुट की बगावत के बाद इस मैदान पर रैली के लिए दो दावेदार मैदान में हैं। इस मुद्दे पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री अठावले ने पुणे में कहा कि शिंदे गुट को शिवसेना के निर्वाचित प्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं के दो-तिहाई का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पार्टी और चुनाव चिह्न को लेकर चुनाव आयोग और कोर्ट का फैसला सत्तारूढ़ खेमे के पक्ष में होगा।
‘शिंदे गुट को शिवाजी पार्क में रैली करने का नैतिक अधिकार’
केंद्रीय मंत्री अठावले ने कहा, ‘मेरे मुताबिक, चूंकि असली शिवसेना का संबंध एकनाथ शिंदे से है, इसलिए उन्हें शिवाजी पार्क में दशहरा ‘मेलवा’ (रैली) आयोजित करने का नैतिक अधिकार है। वह नैतिक अधिकार उद्धव ठाकरे के हाथों से फिसल गया है।’ उन्होंने ठाकरे को बांद्रा के कमर्शियल डिस्ट्रिक्ट बीकेसी में अपने गुट की रैली करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, ‘BMC शिंदे गुट का समर्थन करेगा और उन्हें शिवाजी पार्क में रैली आयोजित करने की इजाजत देगा।’
शिवाजी पार्क में शिवसेना की पहली रैली 1966 में हुई थी
BMC के एक अधिकारी ने हाल ही में बताया था कि दशहरा रैली के लिए शिवाजी पार्क की बुकिंग के लिए दो अप्लिकेशन मिले थे। पहला आवेदन 22 अगस्त को मिला जो शिवसेना के ठाकरे गुट ने भेजा था और दूसरा आवेदन गणेशोत्सव से ठीक पहले शिंदे गुट ने भेजा था। बता दें कि शिवाजी पार्क में पहली रैली 1966 में हुई थी जिसे शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने संबोधित किया था। ‘दशहरा रैली’ में राज्यभर से पार्टी के कार्यकर्ता शामिल होते हैं।