केंद्रीय मंत्री एवं शिवसेना नेता प्रतापराव जाधव ने दावा किया कि वह और उनकी तीन पीढ़ियों ने कभी भी कृषि बिजली बिल का भुगतान नहीं किया। आयुष एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने कहा कि मैं एक किसान हूं। हमने पिछली तीन पीढ़ियों से बिल का भुगतान नहीं किया है। मेरे दादा के पानी के पंप अब भी वहीं हैं। उन्होंने कहा कि न तो मेरे दादा, मेरे पिता और न ही मैंने कृषि बिजली बिल का भुगतान किया। उन्होंने यह बयान 'कृषि बिजली बिल माफी योजना' पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिया, जो एकनाथ शिंदे सरकार की ओर से शुरू की गई प्रमुख पहलों में से एक है।
"पीएम मोदी की हर सांसद और विभाग पर पैनी नजर"
इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि जैसे- जब दो समान विचारधारा वाले बैल खेत में शामिल हो जाते हैं, तो खेत बेहतर हो जाता है, वैसे ही सरकार भी है। विकास तब होता है जब केंद्र और राज्य सरकार एक जैसी सोच रखती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर सांसद, हर विभाग पर पैनी नजर है। इसके बावजूद हमारा मंत्री बनने के बाद आम आदमी से संपर्क कम होता जा रहा है।
डेढ़ रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से कृषि बिजली बिल
जानकारी के अनुसार, राज्य में फिलहाल 46 लाख से ज्यादा कृषि पंप हैं और सरकार 7.5 एचपी तक के कृषि पंपों को मुफ्त बिजली देगी। अजित पवार ने बजट में ऐलान करते हुए कहा था कि इस फैसले से 44 लाख छह हजार किसानों को फायदा होगा। वर्तमान में कृषि उपभोक्ताओं को करीब डेढ़ रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल दिया जाता है। ऐसे में सालाना करीब छह हजार करोड़ रुपये के बिल भेजे जाते हैं, जिसमें से सिर्फ पांच फीसदी यानी 280-300 करोड़ रुपये तक का बिल आता है। कुछ समय पहले यह 8-10 फीसदी तक पहुंच गया था, इसलिए वर्तमान में कृषि पंपों के 95 प्रतिशत बिलों की वसूली नहीं की जा रही है और बिजली फ्री दी जा रही है।
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