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शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, मनसुख की मौत की सच्चाई का पर्दाफाश करना एमवीए के लिए आवश्यक है

मनसुख को उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास मिले विस्फोटकों से लदे वाहन का मालिक बताया जाता है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 06, 2021 16:46 IST
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Image Source : PTI मनसुख हिरेन को उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास मिले विस्फोटकों से लदे वाहन का मालिक बताया जाता है।

मुंबई: शिवसेना के नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार की ‘छवि’ और ‘प्रतिष्ठा’ के लिए जरूरी है कि मनसुख हिरेन की रहस्यमय मौत से पर्दा उठे। मनसुख को उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास मिले विस्फोटकों से लदे वाहन का मालिक बताया जाता है। पुलिस ने SUV से जिलेटिन की 20 छड़ें और एक धमकी भरा पत्र बरामद किया था, जिसके बाद राजनीतिक और कॉरपोरेट हलकों में सनसनी मच गई थी। पुलिस ने बताया था कि करीब 45 वर्षीय मनसुख ठाणे में मुंबई-रेती बंदर रोड पर एक नदी के किनारे शुक्रवार की सुबह मृत पाए गए थे।

‘मनसुख की मौत निराशाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण’

राउत ने कहा कि मनसुख की रहस्यमय मौत ‘निराशाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण’ है। उनके स्कॉर्पियो वाहन का इस्तेमाल अंबानी के आवास के पास विस्फोटक रखने में किया गया था। उन्होंने कहा, ‘उनकी मौत का राजनीतिकरण करना और सरकार को घेरना गलत है। इस बात पर संदेह है कि मनसुख की मौत आत्महत्या थी या हत्या। मामले में वह महत्वपूर्ण गवाह थे। गृह विभाग को जल्द से जल्द सच्चाई का पता लगाना चाहिए। यह महा विकास आघाडी (MVA) सरकार की प्रतिष्ठा और छवि के लिए महत्वपूर्ण है।’

‘हमें एटीएस की जांच पर विश्वास करना चाहिए’
राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि मामले की जांच मुंबई पुलिस की अपराध शाखा से लेकर राज्य के आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) को सौंप दी गई है। राउत ने कहा कि विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) को सौंपने की मांग कर रही है। उन्होंने कहा, ‘गृह मंत्री ने मामले को एटीएस को सौंप दिया है, जो इसे सुलझाने में सक्षम है। हमें विश्वास करना चाहिए।’ इस बीच बीजेपी नेता आशीष शेल्लार ने शिवसेना नीत सरकार पर निशाना साधा और मनसुख के पोस्टमॉर्टम के समय ‘मुठभेड़ विशेषज्ञ’ सहायक पुलिस निरीक्षक की मौजूदगी पर सवाल उठाए।

‘पोस्टमॉर्टम के वक्त मुठभेड़ विशेषज्ञ की मौजूदगी संदिग्ध’
आशीष शेल्लार ने कहा, ‘मनसुख के पोस्टमॉर्टम के वक्त मुठभेड़ विशेषज्ञ की मौजूदगी संदिग्ध है क्योंकि वह न तो ठाणे पुलिस में हैं, न ही ATS में, जो मामले की जांच कर रही है। इससे यह पता चलता है कि यह सरकार कुछ छिपाना चाहती है।’ शेल्लार ने मामले की जांच में ‘यू-टर्न’ लेने के लिए गृह मंत्री की भी आलोचना की। उन्होंने पूछा, ‘गृह मंत्री ठाणे और मुंबई पुलिस और उनकी उपलब्धियों की प्रशंसा कर रहे थे, लेकिन आधे घंटे के अंदर ही उन्होंने जांच ATS को सौंप देने की घोषणा की। तो आधे घंटे में ऐसा क्या हुआ कि उन्हें जांच ATS को सौंपनी पड़ी?’ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता संदीप देशपांडे ने मांग की कि मामले की जांच किसी निवर्तमान न्यायाधीश से कराई जाए।

परिवार ने की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग
पुलिस उपायुक्त (जोन-1) अविनाश अम्बुरे ने कहा कि 4 सदस्यीय मेडिकल टीम द्वारा की गई इस ऑटोप्सी के निष्कर्ष पर फिलहाल कोई खुलासा नहीं किया गया है, जबकि उनके विसरा को फॉरेन्सिक जांच के लिए संरक्षित रखा गया है। वहीं, उनके परिवार ने मांग की है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और प्रक्रिया की वीडियो-रिकॉर्डिग को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। एटीएस की एक टीम ने शनिवार सुबह मुंबई के पास ठाणे क्रीक से सटे दलदल का दौरा किया, जहां से हिरेन का शव शुक्रवार सुबह निकाला गया था।

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