मुंबई. महाराष्ट्र में राज्यपाल और उद्धव सरकार के बीच विवाद गहरा सकता है। राज्यपाल पर उद्धव सराकार के मंत्री सत्ता के दो केंद्र बनाने की कोशिश करने का आरोप लगा रहे हैं जबकि राजभवन ने उद्धव सरकार के इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। कांग्रेस पार्टी के नेता नाना पटोले ने यहां तक आरोप लगा दिए हैं कि भगत सिंह कोश्यारी राज्यपाल कम बीजेपी कार्यकर्ता की तरह काम कर रहें हैं। एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के काबीना मंत्री नवाब मलिक का कहना है कि राज्यपाल राज्य में सत्ता के दो केंद्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
दरअसल ये पूरा विवाद राज्यपाल के विभिन्न जिलों के दौरों के दौरान होने वाली बैठकों को लेकर शुरू हुआ है। राजभवन सुत्रों के मुताबिक, मराठवाड़ा दौरे के दौरान तीन जिलों में रिव्यू मीटिंग बुलाने का आरोप बेबुनियाद हैं। राज्यपाल ने किसी भी कलेक्टर को रिव्यू मीटिंग देने के लिए नहीं कहा। राज्यभवन सूत्रों ने कहा कि जब भी राज्यपाल किसी जिले में जाते हैं, तब स्थानीय प्रशासन उस जिले की जानकारी जैसे भौगोलिक स्थिती, धार्मिक स्थल सहित अन्य चीजों के बारे में राज्यपाल को बताते हैं, पावर पॉइंट प्रेजेंटशन देते हैं। इसे रिव्यू मूटींग कहना उचित नहीं हैं।
राज्य भवन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्यपाल के किसी भी कार्यक्रम में बदलाव नहीं किया गया है। बस राज्यपाल अब नांदेड के दो hostels का उद्घाटन नहीं करेंगे, वो सिर्फ हॉस्टेल का दौरा करेंगे और इस बारे में भी उस यूनिवर्सिटी के प्रमुख फैसला करेंगे। राज्यपाल का मराठवाड़ा का तीन दिवसीय दौरा कल 5 अगस्त से शुरू होने वाला है।
आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे सरकार की आपत्ति के बाद कल देर शआम महाराष्ट्र के मुख्य सचिव सिताराम कुंटे ने राजभवन के अधिकारीयों से मुलाकात की थी। राज्यपाल के दौरे के दौरान जिन पहलुओं पर ठाकरे सरकार को आपत्ति हैं, उसके बारे में CS कुंटे ने राजभवन को अवगत कराया है। अब सिताराम कुंटे राजभवन के अधिकारियों से हुई बातचीत का ब्योरा मुख्यमंत्री को देंगे।
क्या हैं विवाद
दरअसल 5 अगस्त से राज्यपाल का मराठवाड़ा का तीन दिवसीय मराठवाड दौरा शुरू होने वाला है। 5 अगस्त को राज्यपाल नांदेड जाएंगे। यहां अल्पसंख्यक विभाग द्वारा बनाए गए दो hostels का उद्घघाटन करना था। राज्य सरकार की दलील है कि इन छात्रावासों का निर्माण राज्य सरकार के रुपयों से किया गया है।सरकार इन दोनों छात्रावासों को बहुत जल्द यूनिवर्सिटी सौंपने वाली थी लेकिन उसके पहले ही राज्यपाल ने यहां आने का ऐलान कर दिया। इनके उद्धाटन का अधिकार राज्य सरकार का हैं। उद्धव सरकार का कहना है कि राज्यपाल वीसी हैं तो एडमिनिस्ट्रेशन का काम देंखें लेकिन बिना बिना अल्पसंख्यक विभाग या सरकार से पूछे राज्यपाल कैसे इन छात्रावासों का उद्घाटन कर सकतें हैं। कार्यक्रम के अनुसार, राज्यपाल नांदेड कलेक्टर और अधिकारियों के साथ रिव्यू मीटिंग करेंगे।
नांदेड के बाद राज्यपाल का 6 अगस्त को हिंगौली जाने का प्रोग्राम है। वो हिंगोली में स्थानीय प्रशासन के साथ मीटिंग करेंगे। सरकार की आपत्ति है कि जब हिंगोली में कोई यूनिवर्सिटी है ही नहीं तो फिर रिव्यू मीटिंग किस लिए होगी। हिंगोली के बाद राज्यपाल का परभणी जाने का कार्यक्रम है। यहां भी राज्यपाल की मीटिंग को लेकर विवाद है। राज्य सरकार का कहना है कि रिव्यू मीटिंग लेने का अधिकार सिर्फ मुख्यमंत्री का है।