शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि केवल घोषणाएं करने से चुनाव नहीं जीते जाते हैं, जैसा कि ये शिंदे सरकार कर रही है। लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया जा रहा है। कलेक्टर ने कोई काम नहीं किया। आप 3 महीने रुकिए उसके बाद सरकारी कलेक्टर और मिंधे का कलेक्टर और इन्हें कहां भेजता हूं, आप देखिए। ठाणे में जो कुछ बी काम हुआ है, उसके पीछे शिवसेना प्रमुख की मेहनत है। अगर उनकी मेहनत होती तो मिंधे की दाढ़ी उगी नहीं होती। बोलने के लिए बहुत सी बाते हैं, संजय ने बहुत बढ़िया भाषण दिया है। संजय ने उन्हें सांपों की उपमा दी है, लेकिन मैं उनका अपमान नहीं करना चाहता हूं। ये केवल मोदी के सामने रेंगने वाले प्राणी हैं।
उद्धव ठाकरे बोले- गुजरातियों को लेकर मेरे मन में द्वेष नहीं
उद्धव ठाकरे ने अपने भाषण में कहा, "मुंबई में केवल 48 वोट से अमोल कीर्तिकर हार गए। ऐसा हो ही नहीं सकता है। ये चुराई हुई सीट है। ये लोग जो चाल चल रहे हैं, ये अब्दाली की चाल है। अहमदाबाद शाह नहीं अहमद शाह, नहीं तो कोई बोलेगा अहमदाबाद शाह। सभी गुजरातियों को लेकर मेरे मन में कोई द्वेष नहीं है। लेकिन जो लोग मेरे महाराष्ट्र को लूट रहे हैं, उनके लिए द्वेष है। इन अब्दाली के लोगों को पानी के अंदर उद्धव ठाकरे नजर आता है। सामना हो जाने दीजिए। महाराष्ट्र का पानी क्या है, यह आपको शिवसेना बता देगी।"
वाघनख पर क्या बोले उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे ने कहा कि आपने मेरा पक्ष चुरा लिया, चिन्ह चुरा लिया और वह भी कम पड़ा तो आप लंदन जाकर वाघनख लेकर आ गए। अफजल खान को उससे मारा गया था या नहीं इसके बारे में कोई सबूत नहीं है। वह शिव कालीन है। इसका हम सम्मान करते हैं, लेकिन मेरे यह शिवसैनिक मेरे असली वाघनख है। आपको 1500 रुपये दे रहे हैं, यह तो 15 लाख देनेवाले थे। ये लो कहते थे भाईयों और बहनों विदेश का जो काला धन है, वह वापस आने के बाद आप सभी को 15 लाख दिया जाएगा। अब उसको 1500 क्यों कर दिया? बाकी का पैसा क्या मिंधे की जेब में गया। आज भी महानगरपालिका में जिन्हें रा्य से प्यार है, वे जानकारी हमतक पहुचाते हैं। एक बार चुनाव होने दीजिए। आप मुझे बताइए कि मुख्यालय आपको अहमदाबाद में चाहिए या महाराष्ट्र में।
"मोदी के सामने कटोरा लेक नहीं खड़ा होगा मराठी मानुष"
उन्होंने कहा कि मराठी मानुष कटोरा लेकर मोदी के सामने खड़ा नहीं रहेगा। कोई भी प्रकरण आ रहा है उसे गुजरात भेज दिया जा रहा है। आज भी एक बड़ा प्रोजेक्ट शायद गुजरात गया। आप 15-15 सौ रुपए देकर भीख दे रहे हैं, जो नहीं चहिए। आप आज भी जाकर किसी से पूछ लीजिए, वह कहेगा हमें अपने कष्ट का पैसा चाहिए, मेहनत का पैसा चाहिए। संभाजीनागर में लाडली बहन योजना को लेकर मेरी एक महिला से बात हो रही थी उन्होंने कहा, क्या 1500 में घर चलता है। हर बात पर जीएसटी लगा दिया है। अयोध्या में एक आदर्श घोटाला हुआ है, जैसे यहां सेना की जमीन का घोटाला।