Friday, November 22, 2024
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क्या विधानसभा चुनाव में भी एकजुट रहेगा MVA? आज हुई बैठक के बाद ठाकरे ने कर दिया खुलासा; जानें क्या कहा

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके हैं। केंद्र में एनडीए की सरकार भी बन गई है, लेकिन इस चुनाव के बाद से महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन एमवीए काफी उत्साहित है। वहीं अब लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी एमवीए ने एक साथ ही चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

Edited By: Amar Deep
Published on: June 15, 2024 20:16 IST
एमवीए ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस।- India TV Hindi
Image Source : PTI एमवीए ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस।

मुंबई: लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी (MVA) को मिली ‘‘जीत’’ से उत्साहित शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है और विपक्षी गठबंधन राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव भी जीतेगा। एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं। ठाकरे दक्षिण मुंबई में एमवीए के घटक दलों के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, जिसमें राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने भी अपनी बात रखी। दरअसल, संसदीय चुनावों में एमवीए के शानदार प्रदर्शन के बाद यह पहली बार है जब संयुक्त संवाददाता सम्मेलन किया गया। चुनावों में एमवीए ने राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 30 पर जीत हासिल की थी। तीनों दलों ने इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के लिए एक प्रारंभिक बैठक भी की। 

लोग जाग चुके हैं और संघर्ष अभी शुरू हुआ है

ठाकरे ने कहा कि राज्य के लोगों ने दिखा दिया है कि भारतीय जनता पार्टी की अजेयता का मिथक कितना खोखला है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘महा विकास आघाडी के लिए लोकसभा चुनाव की जीत अंत नहीं, बल्कि शुरुआत है। चुनाव प्रचार के दौरान मैंने अपनी रैलियों में आए लोगों को ‘देशभक्त’ कहकर संबोधित किया था। सभी देशभक्त लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आए।” उन्होंने कहा कि लोग जाग चुके हैं और संघर्ष अभी शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि “मोदी सरकार” अब “राजग सरकार” है और यह देखना बाकी है कि यह कितने समय तक चलती है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने एमवीए को अप्राकृतिक गठबंधन बताकर उसका मजाक उड़ाया था। उन्होंने पूछा कि क्या केंद्र में गठबंधन को अब प्राकृतिक या अप्राकृतिक कहा जाना चाहिए। 

सभी देशभक्तों ने गठबंधन को दिया वोट

भाजपा के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि विपक्ष ने चुनावों के दौरान फर्जी विमर्श फैलाया, ठाकरे ने कहा, “आप इस विमर्श को क्या कहेंगे कि ‘इंडिया’ गठबंधन लोगों की संपत्ति छीनकर उसे अधिक बच्चों वाले लोगों में बांटने, मंगलसूत्र, भैंस छीनने और पानी के कनेक्शन काटने की योजना बना रहा है?” कुछ भाजपा नेताओं के इस कटाक्ष पर कि उनकी अगुवाई वाली शिवसेना को मुसलमानों के वोट तो मिले, लेकिन मराठी भाषियों के नहीं, जो इसका पारंपरिक समर्थन आधार है, ठाकरे ने कहा कि सभी धर्मों के देशभक्त लोगों ने विपक्षी गठबंधन को वोट दिया और उनमें मुसलमान और मराठी भाषी दोनों शामिल थे। 

यूपी और अयोध्या के रिजल्ट पर साधा निशाना

उत्तर प्रदेश में भाजपा की हार और विशेषकर फैजाबाद निर्वाचन क्षेत्र (जहां अयोध्या स्थित है) में हार का जिक्र करते हुए ठाकरे ने कहा कि लोकसभा परिणामों ने भगवान राम को “भाजपा-मुक्त” बना दिया है। उन्होंने उन अटकलों को खारिज कर दिया कि वे भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापस आ सकते हैं। ठाकरे ने पूछा, “मान लीजिए कि मैं पाला बदलने की योजना बना रहा हूं, तो क्या मैं इन लोगों (पवार और चव्हाण) के साथ बैठकर इसकी घोषणा करूंगा?” ठाकरे और शरद पवार दोनों ने अपनी-अपनी पार्टियों से बागी नेताओं को वापस लेने की संभावना से इनकार किया। 

कौन होगा सीएम पद का उम्मीदवार?

ठाकरे ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह के पिछले भाषणों का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और जद(यू) नेता नीतीश कुमार के साथ गठबंधन की किसी भी संभावना से इनकार किया था, दोनों ही अब नरेन्द्र मोदी सरकार का समर्थन कर रहे हैं। कांग्रेस नेता चव्हाण ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद महाराष्ट्र में सरकार बदलना तय है। उन्होंने कहा, “हमारे गठबंधन में कोई बड़ा भाई या छोटा भाई नहीं है। हम हर विधानसभा क्षेत्र में जीत के लिए लड़ेंगे और ऐसे उम्मीदवार उतारेंगे जो गठबंधन की जीत सुनिश्चित कर सकें। हम जल्द ही अपनी तैयारियां शुरू कर देंगे।” यह पूछे जाने पर कि एमवीए का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा, ठाकरे ने कहा, “सत्तारूढ़ गठबंधन को पहले यह बताने दीजिए कि उनका मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन है।” 

मोदी ने जहां रोड शो किया वहां हार गए

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए शरद पवार ने कहा, ‘‘हम एमवीए के वास्ते राजनीतिक माहौल को अनुकूल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देते हैं।’’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जहां भी मोदी ने रोड शो किए और रैलियां संबोधित कीं, वहां भाजपा और उसके सहयोगी हार गए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुछ नेताओं द्वारा अजित पवार को सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल करने के भाजपा के निर्णय पर सवाल उठाए जाने के बारे में पूछे जाने पर पवार ने चुटकी लेते हुए कहा, “उन्होंने अपने अनुभव के बारे में बताया।” हाल में संपन्न लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने 13 सीट जीतीं, जो 2019 में राज्य में जीती गई एकमात्र सीट से काफी बड़ी छलांग है, जबकि शिवसेना (यूबीटी) को नौ और राकांपा (शरदचंद्र पवार) को आठ सीट मिलीं। कांग्रेस के बागी विशाल पाटिल भी जीत गए और बाद में उन्होंने कांग्रेस को समर्थन दे दिया। 

लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत

बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे में उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली पार्टी को एमवीए के तीनों घटक दलों में सबसे ज्यादा सीट दी गई थीं। कुल 48 लोकसभा सीट में से शिवसेना (यूबीटी) ने 21 सीट पर चुनाव लड़ा, उसके बाद कांग्रेस ने 17 और राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने 10 सीट पर चुनाव लड़ा। इसकी तुलना में, सत्तारूढ़ महायुति सिर्फ 17 सीट ही हासिल कर सकी, जबकि भाजपा की सीट की संख्या 23 (जिसे उसने 2019 में जीता था) से घटकर नौ रह गई। एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने सात सीट जीतीं, जबकि अजित पवार की अगुवाई वाली राकांपा को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली। (इनपुट- भाषा)

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