ठाणे : शिवसेना (उद्धव गुट) के प्रमुख उद्घव ठाकरे ने आज एकनाथ शिंदे के गढ़ में ठाणे में उनपर जमकर हमला बोला। ठाकरे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के राजनीतिक गुरु माने जाने वाले नेता दिवंगत आनंद दिघे की जयंती की पूर्व संध्या पर ठाणे में एक हॉस्पिटल का उद्घाटन कर रहे थे।
आनंद दिघे की लोकप्रियता ने ठाणे को अविभाजित शिवसेना के लिए सबसे सुरक्षित सीट बना दिया था, लेकिन पिछले साल जून में शिंदे की बगावत के बाद क्षेत्र में पार्टी के समर्थन का ज्यादातर हिस्सा उनके (शिंदे) बालासाहेबांची शिवसेना के खाते में चला गया। ठाकरे के दौरे और शुक्रवार को मनाई जाने वाली दिघे की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित चिकित्सा शिविर को ठाणे जिले में शिवसेना (यूबीटी) को फिर से संगठित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
उद्धव ठाकरे ने आनंद मठ में दिघे को पुष्पांजलि अर्पित की। आनंद मठ दशकों से ठाणे में शिवसेना की गतिविधियों का गढ़ रहा है। इस अवसर पर पिछले साल जून में शिंदे और 39 विधायकों की शिवसेना से बगावत और महा विकास आघाड़ी सरकार के गिरने का हवाला देते हुए ठाकरे ने कहा कि ‘धोखे और दल-बदल’ से शिवसेना और महाराष्ट्र बदनाम हुए हैं।
ठाकरे ने कहा कि बृहस्पतिवार का संक्षिप्त दौरा यहां के लोगों की सेहत का ख्याल रखने के लिए था। इसके साथ ही उन्होंने वादा किया कि वह ठाणे के लोगों के राजनीतिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए जल्द ही जनसभा को संबोधित करने के लिए लौटेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं संतुष्ट हूं कि मौजूदा बेकार परिस्थितियों के बावजूद, शिवसेना अपने लक्ष्य से नहीं डिगी है। शिवसेना सुप्रीमो (बाल ठाकरे) ने हमें सिखाया है कि 80 प्रतिशत सामाजिक कार्य है, सिर्फ 20 प्रतिशत ही राजनीतिक काम है। सच्चे सैनिक (शिवसैनिक) हमारे साथ हैं।’
ठाकरे ने कहा कि जो लोग छोड़कर गए हैं उन्होंने खुद को बेचना पसंद किया। उन्होंने लोगों से पूछा कि आपको पता है कि कितने में बिके हैं, इस पर लोगों ने जवाब दिया, ‘50 करोड़ रुपये।’ उन्होंने कहा कि 50 करोड़ रुपये का यह नारा जम्मू-कश्मीर में राहुल गांधी नीत ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान भी सुना जा सकता था और दावा किया कि इसका वीडियो उन्हें पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने दिखाया है। ठाकरे ने कहा, ‘यह नारा पूरे देश में चल रहा है। लेकिन इस प्रक्रिया में महाराष्ट्र और शिवसेना दोनों बदनाम हुए हैं। जो लोग छोड़कर चले गए हैं, उन पर अफसोस जताने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सच्चे (शिव) सैनिक मशाल (शिवसेना के ठाकरे गुट का चिह्न) जलाएंगे।’
इनपुट-भाषा
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