महाराष्ट्र के सियासी संकट पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। उद्धव गुट की अर्जी पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर उद्धव ठाकरे ने खुद ही इस्तीफा नहीं दिया वो उन्हे बहाल कर सकते थे। अब कोर्ट के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। ठाकरे ने कहा कि देश में लोकतंत्र की हत्या हुई। राज्यपाल की भूमिका गलत थी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला देश का भविष्य तय करेगा। ठाकरे ने कहा कि राज्यपाल को फ्लोर टेस्ट बुलाने का अधिकार नहीं था।
"मैंने जनता की लड़ाई के लिए इस्तीफा दिया"
बता दें कि कोर्ट के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे के साथ इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब स्पीकर फैसला सुनाने के लिए ज्यादा वक्त ना लें। मुझे भरोसा है कि महाराष्ट्र की जनता मेरे साथ है। उद्धव ने कहा कि मैंने जनता की लड़ाई के लिए इस्तीफा दिया था। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस देश में प्रजातंत्र की रक्षा करना हमारा काम है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर मैं इस्तीफा नहीं देता तो शायद मैं फिर मुख्यमंत्री बन जाता। मैं मेरे लिए नहीं लड़ रहा, मेरी लड़ाई जनता के लिए, देश के लिए है। राजनीति में मतभेद होते रहते हैं लेकिन हमारा एक मत यह है कि इस देश को बचाना है।
"एकनाथ शिंदे इस्तीफा दें"
उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर इस मुख्यमंत्री(शिंदे) और उपमुख्यमंत्री(देवेंद्र फडणवीस) में जरा भी नैतिकता होगी तो इस्तीफा देना चाहिए जैसे मैंने इस्तीफा दिया था। एकनाथ शिंदे गद्दार हैं। शिंदे ने मेरी पीठ में खंजर घोंपा है। उन्होंने कहा कि गद्दार लोगों के साथ कैसे सरकार चलाता। ठाकरे ने कहा कि उन्होंने (अब शिंदे के सक्रिय विधायक) मेरी पार्टी और मेरे पिता की विरासत को धोखा दिया है। मुख्यमंत्री पद से मेरा इस्तीफा तब कानूनी रूप से गलत हो सकता था, लेकिन मैंने इसे नैतिक आधार पर दिया।
नीतीश कुमार ने भी दी प्रतिक्रिया
वहीं इस दौरान बिहार के CM नीतीश कुमार ने कहा कि हम चाहते हैं कि पूरे देश में अधिक से अधिक पार्टियां एकजुट हों, मिलकर हम सब लड़ेंगे। आज जो केंद्र में है वे देश के लिए कोई काम नहीं कर रहे हैं इसलिए देश के हित में हम सब मिलकर लड़ेंगे। अब यह तय होगा कि कब सबकी मीटिंग होगी।
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