Highlights
- पीएम मोदी ने पेट्रोल-डीजल में टैक्स मामले पर राज्य सरकार को घेरा
- महाराष्ट्र के सीएम उद्वव ठाकरे ने किया पलटवार
- कहा- केंद्र से सभी राज्यों को समान व्यवहार देने की उम्मीद है।
Uddhav Thackeray On PM Modi: महाराष्ट्र के सीएम उद्वव ठाकरे ने पीएम मोदी (PM Modi) के आरोपों पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है। दरअसल पीएम मोदी ने आज कोविड पर एक बैठक में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स का मुद्दा उठाया था और राज्य सरकार पर पेट्रोल-डीजल के दाम ऊंचे रखने का आरोप लगाया था। इसी मुद्दे पर सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि यह स्पष्ट करना आवश्यक है, जिससे नागरिकों को सच पता चले।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को केंद्रीय टैक्स का 5.5 फीसदी हिस्सा मिलता है। कुल प्रत्यक्ष कर में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 38.3 प्रतिशत है। महाराष्ट्र देश में सबसे अधिक 15% जीएसटी संकलित करता है। प्रत्यक्ष कर और जीएसटी दोनों को मिलाकर महाराष्ट्र देश का नंबर एक राज्य है। इसके बावजूद राज्य पर अभी भी करीब 26,500 करोड़ रुपए का जीएसटी बकाया है।
उन्होंने (Uddhav Thackeray) कहा कि आज राज्य सरकार ने बार-बार केंद्र से आपदा के समय एनडीआरएफ के मानदंडों को बढ़ाकर आपदा पीड़ितों की मदद करने के लिए कहा है, लेकिन केंद्र ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इसके विपरीत, राज्य ने विभिन्न आपदाओं में तय मानक से अधिक मात्रा में मदद देकर राहत प्रदान की है।
उन्होंने कहा कि तोक्ते जैसे चक्रवातों में महाराष्ट्र से ज्यादा गुजरात को मदद मिली। कोविड काल में सभी कमजोर और असंगठित क्षेत्रों के नागरिकों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई। शिवभोजन जैसी योजना से मुफ्त भोजन दिया। आर्थिक चुनौतियों का सामना कर महाराष्ट्र ने अपनी जिम्मेदारी निभाई।
उद्धव ने केंद्र से सभी राज्यों से समान व्यवहार की उम्मीद जताई
केंद्र के बारे में बोलते हुए ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि केंद्र से सभी राज्यों को समान व्यवहार की उम्मीद है। आज मुंबई में एक लीटर डीजल के दाम के पीछे केंद्र का 24.38 प्रतिशत हिस्सा और राज्य का हिस्सा 22.37 रुपए प्रति लीटर है। पेट्रोल की कीमत पर 31.58 पैसे केंद्रीय कर और 32.55 पैसे राज्य का कर है। इसलिए यह सच नहीं है कि राज्य की वजह से पेट्रोल-डीजल महंगा हो गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य के नागरिकों को राहत देने के लिए राज्य सरकार पहले ही प्राकृतिक गैस के संबंध में टैक्स में राहत दे चुकी है। प्राकृतिक गैस के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस गैस पर मूल्य वर्धित कर की दर 13.5 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत कर दी गई है। पाइप गैस धारकों को लाभ मिला है और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी लाभ मिला है।