Highlights
- पुणे के सिंचर में नए चुनाव चिन्हा को लेकर निकाली गई यात्रा के दौरान हंगामा
- आपस में भिड़े कार्यकर्ता, जमकर हुई हाथापाई
Maharashtra News : जब से सत्ता हाथ से निकली है तब से ऐसा लगता है कि शिवसेना के उद्धव गुट में कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। चुनाव चिन्ह को लेकर कोर्ट से चुनाव आयोग तक चली कानूनी लड़ाई के बाद जब नया चुनाव निशान मिला तो पार्टी के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए। महाराष्ट्र पुणे के सिंचर में नए चुनाव चिन्ह मशाल को लेकर एक शोभा यात्रा निकाली गई थी। लेकिन इस शोभा यात्रा में पार्टी के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए और जमकर हाथापाई हुई।
उद्धव गुट को ‘मशाल' चुनाव चिह्न आवंटित
बता दें कि शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच विवाद को लेकर निर्वाचन आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट के लिए पार्टी के नाम के रूप में 'शिवसेना - उद्धव बालासाहेब ठाकरे' नाम आवंटित किया । जबकि एकनाथ शिंदे के गुट को 'बालासाहेबंची शिवसेना' (बालासाहेब की शिवसेना) नाम आवंटित किया है। निर्वाचन आयोग ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को ‘मशाल' चुनाव चिह्न आवंटित किया है। आयोग ने धार्मिक अर्थों का हवाला देते हुए चुनाव चिह्न के रूप में 'त्रिशूल' की मांग करने के उद्धव गुट के दावे को खारिज कर दिया है। इसी मशाल जुलूस के दौरान उद्धव गुट के कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई हो गई।
शिंदे गुट को ‘दो तलवार और एक ढाल’ चुनाव चिन्ह आवंटित
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के धड़े को मंगलवार को चुनाव चिह्न के रूप में ‘दो तलवार और एक ढाल’ का निशान आवंटित किया गया। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को अब 'बालासाहेबंची शिवसेना' नाम दिया गया है। यह धड़ा अगर अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट के लिए तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव में उतरने का फैसला करता है तो वह ‘दो तलवार और एक ढाल’ चुनाव चिह्न का उपयोग कर सकेगा।
दुष्टों का नाश करने वाली तलवार बनेंगे-शिंदे
शिंदे ने चुनाव चिह्न के आवंटन का स्वागत करते हुए कहा कि उनका समूह शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे द्वारा निर्धारित कट्टर हिंदुत्व विचारधारा के लिए सच्चा पथप्रदर्शक है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘हम निर्दोषों की रक्षा करने वाली ढाल और दुष्टों का नाश करने वाली तलवार बनेंगे।’’ निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे को लिखे पत्र में यह जानकारी दी।