शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भले ही उनके विधायकों को अपने पाले में कर उनके दल को तोड़ दिया, लेकिन उनकी पार्टी खत्म नहीं हुई है। ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने हमारे विधायकों और सांसदों को छीनकर शिवसेना को तोड़ दिया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि शिवसेना खत्म हो गई। इसके विपरीत, शिवसेना भाजपा को दफना देगी और आगे बढ़ेगी।
मध्य महाराष्ट्र के लातूर जिले के औसा में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने दावा किया कि भाजपा नेताओं में जम्मू-कश्मीर, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश जैसे क्षेत्रों का दौरा करने का साहस नहीं है। उन्होंने बिना ज्यादा जानकारी दिए यह भी दावा किया कि उनके पिता और शिवसेना संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे ने नरेंद्र मोदी को तब ‘बचाया’ था, जब भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी, मोदी को दरकिनार करने वाले थे।
बीजेपी की जारी पहली लिस्ट पर हमला
बीते दिनों शिवसेना (यूबीटी) ने बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि अन्य राजनीतिक दलों को कमजोर करने की उसकी नीति चल नहीं पाएगी। भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, जिसमें धन शोधन के आरोपों का सामना कर चुके कृपाशंकर सिंह का नाम भी शामिल था। शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सूची में नितिन गडकरी जैसे वरिष्ठ नेताओं का नाम नहीं होने पर आश्चर्य जताया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री गडकरी के साथ किए गए काम को याद किया, जिन्होंने शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे द्वारा शुरू की गई परियोजना मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे को तेजी से पूरा करने में सहयोग दिया था।
महाराष्ट्र की 48 सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा
भाजपा ने महाराष्ट्र की 48 सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा अभी नहीं की है। भाजपा ने कृपाशंकर सिंह को उत्तर प्रदेश की जौनपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है। सिंह कांग्रेस की मुंबई इकाई के प्रमुख और गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं। जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार द्वारा निरस्त किए जाने के मुद्दे पर कांग्रेस के रुख से असहमति जताने के बाद 2019 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। बाद में 2021 में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। सिंह ने ठाकरे की टिप्पणियों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "मैं ऐसे व्यक्ति की टिप्पणी को गंभीरता से नहीं लेता, जिसकी अपनी कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है और जो मुख्यमंत्री के रूप में अपने ढाई साल के कार्यकाल में ढाई दिन के लिए भी कार्यालय नहीं पहुंचे हों।" (इनपुट- भाषा)
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