महाराष्ट्र में पुरानी पेंशन स्कीम की मांग कर रहे सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल का आज तीसरा दिन है। हड़ताल के चलते महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों का सिस्टम पूरी तरह चरमरा गया है। हड़ताल की वजह से महाराष्ट्र के अस्पतालों में OPD से लेकर ऑपरेशन तक प्रभावित हो रहे हैं। कई अस्पतालों में सिर्फ क्रिटिकल सर्जरी ही की जा रही है। करीब 18 लाख कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि नवंबर 2005 के बाद भर्ती हुए कर्माचारियों को भी सरकारी पेंशन योजना का फायदा दिलाया जाए। इन कर्मचारियों को अब अफसरों के संगठन के समर्थन भी मिल गया है।
18 लाख सरकारी कर्मचारी कर रहे हड़ताल
महाराष्ट्र के हर शहर में सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर हैं। नारेबाज़ी करती इस भीड़ में अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ है तो वन विभाग के कर्मचारी भी हैं। स्कूल के टीचर और सपोर्ट स्टाफ हैं तो सरकारी दफ्तर के अधिकारी और कर्मचारी भी हैं। महाराष्ट्र के 18 लाख सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर हैं और इसका असर अब दिखने लगा है। सबसे ज्यादा असर अस्पतालों में दिख रहा है, जहां मरीज और तिमारदार दोनों परेशान हो रहे हैं।
हड़ताल कर रहे कर्मचारियों की दो बड़ी मांगे हैं-
- पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए
- नवंबर 2005 के बाद सरकारी नौकरी में आए कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन योजना का फायदा मिले
पुरानी पेंशन पर फैसले के लिए बनाई कमेटी
कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू की तो विरोधी दलों को सरकार को घेरने का एक और मौका मिल गया। उद्धव गुट के साथ पूरा महाविकास अघाड़ी शिंदे-फडणवीस सरकार पर हमलावर हो गया है। मामला तूल पकड़ चुका है, विपक्षी पार्टियां अपनी सियासी रोटियां सेंकने में लग गई हैं। ऐसे में आनन-फानन में शिंदे सरकार ने कर्मचारियों की मांग पर विचार करने के लिए एक कमेटी बनाई है। खुद सीएम ने आश्वस्त करने की कोशिश की है कि किसी का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
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