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दुनिया को हमसे सीखना पड़ रहा है, कई शास्त्रों का ज्ञान हमारे यहां से ही गया है- नागपुर में बोले मोहन भागवत

नागपुर के एक कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा कि ज्ञान कभी आइसोलेटेड नहीं चलता, वह जीवन के साथ चलता है। दुनिया को हमसे सीखना पड़ रहा है, आक्रमण शुरू होने से पहले हम लोग ज्ञान विज्ञान में दुनिया से हम सबसे आगे थे।

Reported By : Yogendra Tiwari Edited By : Shailendra Tiwari Published on: December 03, 2023 23:29 IST
Mohan Bhagwat- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV आरएसएस के सरसंचालक डॉक्टर मोहन भागवत

कई शास्त्रों का ज्ञान दुनिया में हमारे यहां से ही गया है। यह बात आरएसएस के सरसंचालक डॉक्टर मोहन भागवत में नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कही है। डॉ मोहन भागवत ने नागपुर के सेंटर इंडिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञान कभी आइसोलेटेड नहीं चलता, वह जीवन के साथ चलता है। आक्रमण शुरू होने से पहले हम लोग ज्ञान विज्ञान में दुनिया से हम सबसे आगे थे। यह फैक्ट ऑफ़ द हिस्ट्री है, अनेक क्षेत्रों में हमारे लोग आगे बढ़ रहे हैं।

 ज्ञान कभी आइसोलेटेड नहीं चलता

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आगे कहा कि रिसर्च और नॉलेज यह बातें दो नहीं है, यह दो बातें मानकर चलते हैं तो गलती होती है। ज्ञान कभी आइसोलेटेड नहीं चलता, वह जीवन के साथ चलता है। ज्ञान यदि रुक जाए तो, उसकी जगह अज्ञान लेता है। ज्ञान से ज्ञान निकालना चाहिए, ज्ञान बढ़ना चाहिए, ज्ञान उपयोगी होना चाहिए। निरुपयोगी ज्ञान का उपयोग कुछ नहीं, एक तरफ ज्ञान लोगों के जीवन के साथ चलता है, दूसरी तरफ उसी में से शोधकर्ता और अपने आप को बढ़ाता है। उसमें से नई-नई बातें सीखना चाहिए, कई शास्त्रों का ज्ञान दुनिया मे हमारे यहां से ही गया है।

दुनिया से हम सबसे आगे थे

मोहन भागवत ने आगे कहा आक्रमण शुरू होने से पहले हम लोग ज्ञान विज्ञान में दुनिया से हम सबसे आगे थे। यह फैक्ट ऑफ़ द हिस्ट्र  है, इसे प्रूफ करने की जरूरत नहीं है। आज उसका अवशेष मिलते हैं, लेकिन आक्रमण होने की वजह से, जान बचाना पहला काम, पेट पालना दूसरा काम, इसलिए ज्ञान का नंबर बहुत पीछे चला गया।

हमारे देश में भी ज्ञान की परंपरा है

भागवत ने आगे कहा कि हमारे यहां ज्ञान का उपयोग लोगों के लिए, ज्ञान में शोध बढ़े दोनों प्रक्रिया बंद हो गई हैं। इसके चलते हम विज्ञान के क्षेत्र में, ज्ञान के क्षेत्र में पीछे रह गए, स्वतंत्रता मिली तो हमको आगे आने पड़ा हमने किया, लेकिन क्या-क्या? हमसे ज्ञान खोजने की बात दुनिया करें, वह जो खोजेंगे हम वो लेंगे। हमारे देश में भी ज्ञान की परंपरा है, हम नया ज्ञान खोजने की क्षमता रखते हैं, हमको यह करना चाहिए, ज्ञान सारी दुनिया को देना चाहिए।

नॉलेज जिसके पास है वो आगे बढ़ेगा

मोहन भागवत ने कहा कि नॉलेज जिसके पास है देश आगे बढ़ेगा, अपना देश आगे बढ़ना चाहिए, धीरे-धीरे प्रगति हो रही है। आज अनेक क्षेत्रों में हमारे लोग आगे बढ़ रहे हैं ,दुनिया को भी हमसे सीखना पड़ रहा है। नई पीढ़ी में बहुत सारे इनोवेशन आए हैं, प्रोत्साहन देने की बात तो है, पॉलिसी भी है। लेकिन वह नीचे तक पहुंचे ,इसके लिए समय लग रहा है, देर लगेगी, लेकिन अंधेर नहीं होगा यह बात पक्की है, क्योंकि हमने दिशा पकड़ ली है, समाज ने पकड़ी है, प्रशासन में भी मानसिकता धीरे-धीरे आ जाएगी।

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