कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भारत यात्रा के दौरान इन दिनों महाराष्ट्र में हैं। उन्होंने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा होने से जुड़ा सवाल ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से ध्यान भटकाने का प्रयास है। उन्होंने यह दावा भी किया कि मीडिया संस्थाओं पर कब्जा कर लिया गया है, डर और नफरत का माहौल फैलाया गया है, ऐसे में इस यात्रा के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा, ‘‘भारत में पिछले आठ साल से डर का माहौल है। नफरत और हिंसा फैलाई जा रही है। शायद भाजपा के नेता किसानों और युवाओं से बात नहीं करते। अगर वो बात करते तो पता चलता कि युवाओं और किसानों को आगे रास्ता नजर नहीं आ रहा है। इस माहौल के खिलाफ खड़े होने के लिए हमने यह यात्रा शुरू की है।’’ राहुल गांधी ने कहा, ‘‘अगर लोगों को लगता कि इस यात्रा की जरूरत नहीं है तो वो लाखों की संख्या में बाहर नहीं निकलते।’’
विपक्ष के सामने इस यात्रा के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘आमतौर पर लोकतंत्र में एक राजनीतिक दल दूसरे राजनीतिक दल से लड़ता है। संस्थाएं इस लड़ाई के मैदान में निष्पक्षता कायम रखती हैं। आज ऐसा नहीं है। आज एक तरफ देश की सभी संस्थाएं खड़ी हैं। भाजपा का मीडिया, संस्थाओं पर नियंत्रण है। न्यायपालिका पर दबाव डाला जाता है।’’ उनका कहना था, ‘‘हमने यात्रा इसलिए शुरू की है क्योंकि विपक्ष के सामने कोई रास्ता नहीं बचा है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह 2024 में विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद का चेहरा होंगे तो राहुल गांधी ने कहा, ‘‘यह ध्यान भटकाने का बहुत अच्छा तरीका है। इस सवाल के बारे में सोचा नहीं हैं। हमने यात्रा शुरू की है, हम कश्मीर तक जाएंगे और तिरंगा लहराएंगे।’’ यात्रा के प्रभाव के असर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ‘मैं ज्योतिषी नहीं हूं, हालांकि इसका सकारात्मक असर होगा।
भारत जोड़ो यात्रा पर सबसे अच्छी प्रतिक्रिया महाराष्ट्र में मिली है
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में पार्टी की स्थिति कमजोर नहीं है। सबसे अच्छी प्रतिक्रिया महाराष्ट्र में मिली है। यहां पर कांग्रेस का DNA है। इस यात्रा का सकारात्मक असर होगा।’’ उन्होंने विनायक सावरकर के ‘माफीनामे’ की एक प्रति दिखाते हुए दावा किया, ‘‘सावरकर जी ने अंग्रेजों की मदद की। उन्होंने अंग्रेजों को चिट्ठी लिखकर कहा - सर, मैं आपका नौकर रहना चाहता हूं।’’ राहुल गांधी ने यह दावा भी किया, ‘‘जब सावरकर जी ने माफीनामे पर हस्ताक्षर किए तो उसका कारण डर था। अगर वह डरते नहीं तो वह कभी हस्ताक्षर नहीं करते। इससे उन्होंने महात्मा गांधी और उस वक्त के नेताओं के साथ धोखा किया।’’ उन्होंने कहा कि देश में एक तरफ महात्मा गांधी की विचारधारा है और दूसरी सावरकर से जुड़ी विचारधारा है। भाजपा के एक नेता के बयान में बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा, ‘‘अगर सरकार को लगता है कि यात्रा से देश को नुकसान हो रहा है तो ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को रोक दे।’’ उन्होंने कहा कि विदर्भ के किसानों को सुरक्षा प्रदान करने की जरूरत है। गुजरात में चुनाव प्रचार के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कहेंगे तो वह जरूर जाएंगे।