महाराष्ट्र में ठाणे जिले के कलवा में छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में 28 सितंबर 2023 को तीन साल की बच्ची ऐमन शफीक खान को निमोनिया होने की वजह से भर्ती कराया गया था। इसके बाद डॉक्टर ने परिवार वालों को बताया कि बच्ची की तबीयत ज्यादा खराब है और बच्ची को पैर के जरिए से एक नीडल डालनी होगी। पिता शफीक खान ने हां कर दी और कागजात पर दस्तखत कर दिए। फिलहाल बच्ची डेंजरस कंडीशन से बाहर है लेकिन डॉक्टर ने जो नीडल बच्ची को लगाई था वह अब भी उसके पैर में फंसा हुई है। वहीं, कलवा अस्पताल का कहना है इसे निकालने के लिए इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी डॉक्टर की जरुरत होगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए आपको जेजे हॉस्पिटल या केम हॉस्पिटल बच्ची को शिफ्ट करना होगा।
बच्ची के पिता ने डॉक्टरों पर लगाए ये आरोप
बच्ची के पिता शफीक खान ने बताया कि 28 सितंबर 2023 को जब बच्ची को कल्याण से कलवा अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उस दौरान डॉक्टर ने कहा था कि बच्ची डेंजरस कंडीशन में है और नीडल उसके पैर के जरिए डालना होगा। साथ डॉक्टर ने यह भी आश्वासन दिया था कि इससे बच्चों को कोई दिक्कत नहीं होगी और जब बच्ची पूरी तरीके से ठीक हो जाएगी तो हम खुद नीडल को बाहर निकालेंगे और बच्ची को डिस्चार्ज दे देंगे। लेकिन अभी वही डॉक्टर कह रहे हैं कि हमने ऐसा कुछ भी पेशेंट के पिता यानी शफीक खान को नहीं कहा था।
अस्पताल में ज्यादातर इंटर्नशिप करने वाले डॉक्टर
शफीक खान ने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल में ज्यादातर डॉक्टर जो है वह इंटर्नशिप करने वाले ही रखे जाते हैं, कोई भी परमानेंट डॉक्टर यहां पर उपलब्ध नहीं होता है। अगर आप कुछ कहोगे तो आपको डॉक्टर डराते हैं और कहते हैं कि कि आप अगर हमसे बहस करोगे तो आप पर हम मुकदमा दर्ज करवा देंगे। कलवा अस्पताल में पूरे ठाणे जिले से लोग यहां पर इलाज करवाने आते हैं लेकिन अब तक इस अस्पताल में ना न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर है और ना ही इंटरवेंशन रेडियोलॉजी डॉक्टर की भर्ती की गई है।
वहीं, इस घटना को लेकर इंडिया गठबंधन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. जितेंद्र आव्हाड ने ट्वीट करते हुए एकबार फिर कलवा अस्पताल में इलाज के नाम पर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किए जाने का मामला उजागर किया है।
(रिपोर्ट- रिजवान शेख)
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