
पीएम नरेंद्र मोदी आज नागपुर के दौरे पर पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने आरएसएस के हेडक्वार्टर स्मृति भवन का दौरा किया और आरएसएस के संस्थापकों को श्रद्धांजलि। इस दौरान उनके साथ मोहन भागवत भी दिखे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने इस दौरान कहा, 'सामर्थ्य के हिसाब से समाज में योगदान देना जरूरी है। सेवा का कम दया भाव से नहीं प्रेम भाव से करना चाहिए। स्वयंसेवक अपने लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए काम करते हैं। इस दौरान मोहन भागवत ने कहा, संघ विचार की प्रेरणा है और उसकी प्रेरणा स्वार्थ्य की प्रेरणा नहीं है।'
क्या बोले मोहन भागवत?
मोहन भागवत ने आगे कहा कि ये समाज मेरा है। स्वयंसेवक हमेशा दूसरों के लिए काम करते हैं ना कि अपने लिए। समाज के लिए तन-मन-धन से काम करना है। हमें जीवन में सेवा और परोपकार करने चाहिए। स्वयंसेवकों के समाज के लिए डेढ़ लाख से ज्यादा काम चलते हैं। यही प्रेरणा है, जिससे स्वयंसेवकों को हमेशा कष्ट सहने की शक्ति मिलती है। इसके बदले में स्वयंसेवक कुछ नहीं चाहते। स्वयंसेवकों के जीवन का ध्येय ही सेवा है। सेवा के कार्य दयाभाव से नहीं बल्कि प्रेम भाव से चलते हैं। संघ का काम समाज के प्रति प्रेम और दूसरे समाज में सबको दृष्टि देना है।
पीएम मोदी ने की तारीफ
इस दौरान मोहन भागवत ने आगे कहा कि हमारी परंपरा में है आत्मसाधना और लोकांत में परोपकार। ये हमारी परंपरा का सूत्र है। संघ के संदर्भ में स्वयंसेवक एक घंटा संघ की शाखा में स्वयं के विकास के लिए देता है और फिर बचे हुए 23 घंटे समाज की भलाई के लिए उपयोग करता है। बता दें कि पीएम मोदी 30 मार्च को नागपुर के दौरे पर हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने एक सभा को संबोधित करते हुए संघ की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस साल संघ के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। संघ अब 100 साल का वटवृक्ष बन चुका है।