राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार की नेता सुप्रिया सुले ने अपने पिता की बनाई पार्टी को छीनने को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा का परोक्ष रूप से संदर्भ देते हुए बृहस्पतिवार को ‘अदृश्य शक्ति’ पर निशाना साधा। बारामती से लोकसभा सदस्य सुले ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी ने अजित पवार नीत खेमे को असली राकांपा के रूप में मान्यता देने के निर्वाचन आयोग के निर्णय के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। सुले ने दावा किया, ‘‘शरद पवार राकांपा के संस्थापक एवं अध्यक्ष हैं, थे और रहेंगे। अदृश्य शक्ति पार्टी को इसके संस्थापक से छीनने का कृत्य कर रही है।’’
सुप्रिया सुले ने कही ये बात
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमने अदालत का रुख किया है क्योंकि पार्टी और इसके चिह्न को उस व्यक्ति से छीन लिया गया, जिसने उसे स्थापित किया था।’’ सुले ने कहा कि शरद पवार द्वारा गठित पार्टी का नाम और चिह्न किसी और को आवंटित करना एक नया उदाहरण स्थापित करेगा क्योंकि यह फैसला किसी व्यक्ति से संबद्ध नहीं है बल्कि इतिहास में दर्ज हुआ है। पिछले साल, अजित पवार और आठ विधायकों के एकनाथ शिंदे नीत सरकार में शामिल होने के बाद जुलाई में पार्टी टूट गई थी। इस बीच अब महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सूबे के उपमुख्यमंत्री अजित पवार एवं उनके 8 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए दायर याचिका पर अपना फैसला सुना दिया है।
अजित पवार का गुट असली एनसीपी
उन्होंने अपने फैसले में कहा कि अजित पवार गुट ही असली एनसीपी है। बता दें कि शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने अपनी याचिका में अजित पवार समेत 9 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की थी। महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष ने अपना फैसला सुनाते हुए क हा कि दोनों ही गुट दावा कर रहे हैं और कह रहे हैं कि वो असली एनसीपी हैं। अनुच्छेद 21 के मुताबिक, पार्टी की वर्किंग कमेटी में 21 सदस्य होते हैं। अजित पवार गुट ने 30 जून को राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया और उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। अजित पवार को 41 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। अजित पवार को विधायक दल का समर्थन प्राप्त है। इसलिए अजित पवार का गुट ही असली एनसीपी है।
(इनपुट-भाषा)