Wednesday, January 08, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. महाराष्ट्र
  3. दक्षिण अफ्रीका और उच्च जोखिम वाले देशों से महाराष्ट्र आए छह यात्री मिले कोरोना संक्रमित

दक्षिण अफ्रीका और उच्च जोखिम वाले देशों से महाराष्ट्र आए छह यात्री मिले कोरोना संक्रमित

इस नये स्वरूप के चलते संक्रमण में वृद्धि की आशंका बढ़ गई है, लेकिन अभी भी इस बात पर पर्याप्त स्पष्टता नहीं है कि यह गंभीर बीमारी का कारण बनेगा या नहीं और क्या यह प्रतिरक्षा से बच सकता है।

Written by: Bhasha
Published : November 30, 2021 23:18 IST
दक्षिण अफ्रीका और उच्च जोखिम वाले देशों से महाराष्ट्र आए छह यात्री मिले कोरोना संक्रमित
Image Source : PTI/FILE दक्षिण अफ्रीका और उच्च जोखिम वाले देशों से महाराष्ट्र आए छह यात्री मिले कोरोना संक्रमित

Highlights

  • संक्रमित के नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे गए
  • कोरोना के नए वेरिएंट का पता लगाने की कोशिश
  • बिना लक्षण वाले हैं या हल्के लक्षण वाले हैं सभी

मुंबई: दक्षिण अफ्रीका और अन्य उच्च जोखिम वाले देशों से महाराष्ट्र पहुंचे छह यात्री कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गए हैं और उनके नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेज दिये गए हैं। सार्स-सीओवी2 के नये स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर उत्पन्न चिंताओं के बीच महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को यह जानकारी दी। दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों से आए ये व्यक्ति मुंबई महानगर पालिका, कल्याण-डोंबिवली, मीरा-भयंदर और पुणे नगर निगम सीमाओं में मिले हैं। 

नाइजीरिया से पहुंचे दो यात्री पुणे से सटे पिंपरी-चिंचवाड़ निगम क्षेत्र में मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने कहा, ‘‘वर्तमान में, छह यात्री हैं जो दक्षिण अफ्रीका या अन्य उच्च जोखिम वाले देशों से राज्य में आए हैं, जो जांच में संक्रमित पाये गए हैं। इन सभी के नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे गए हैं और उनके सम्पर्क में आये व्यक्तियों का पता लगाने की कवायद चल रही है। ये सभी यात्री जांच में कोविड-19 से संक्रमित पाये गए हैं लेकिन ये सभी या तो बिना लक्षण वाले हैं या इनमें हल्के लक्षण हैं।’’ 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 26 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका और कुछ अन्य देशों में सामने आये कोरोना वायरस के नये स्वरूप को ओमीक्रोन नाम दिया था। विभाग ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने ओमीक्रोन स्वरूप को 'चिंता वाला स्वरूप' घोषित किया है। विशेषज्ञों ने आशंका जतायी है कि वायरस में आनुवंशिक परिवर्तन के कारण, इसमें कुछ विशिष्ट विशेषताएं हो सकती हैं। 

हालांकि, इस नये स्वरूप के चलते संक्रमण में वृद्धि की आशंका बढ़ गई है, लेकिन अभी भी इस बात पर पर्याप्त स्पष्टता नहीं है कि यह गंभीर बीमारी का कारण बनेगा या नहीं और क्या यह प्रतिरक्षा से बच सकता है। इस बारे में अगले दो सप्ताह में और अधिक जानकारी मिलने की उम्मीद है। 

विभाग ने कहा कि इसके अतिरिक्त, जिन यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी हैं, उन्हें भी फिर से जांच से पहले सात दिनों के लिए पृथकवास में रखा जाएगा। स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा गया है, ‘‘अगर वे इस बार भी संक्रमित पाये पाए जाते हैं, तो उनके नमूने भी जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे जाएंगे।’’ 

केंद्र के दिशानिर्देशों के अनुसार, सूचीबद्ध देशों के अलावा अन्य देशों से आने वाले 5 प्रतिशत यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच बिना क्रम के की जाएगी और संक्रमित पाये गए व्यक्तियों के नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे जाएंगे।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें महाराष्ट्र सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement