Monday, December 23, 2024
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दोस्तों की जुबानी...घूमने के शौक से लेकर श्रद्धा के अचानक सिर मुंडवाने तक के किस्से

इस हफ्ते की शुरुआत में, पालघर में श्रद्धा वॉकर के कॉलेज में और उसके दोस्तों के बीच उसकी क्रूर हत्या की खबर से हड़कंप मच गया और हर तरफ निराशा की लहर दौड़ गई।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Nov 16, 2022 19:21 IST, Updated : Nov 16, 2022 19:21 IST
श्रद्धा वॉकर और उसके...
Image Source : IANS श्रद्धा वॉकर और उसके दोस्त

पालघर: महाराष्ट्र के पालघर की रहने वाली श्रद्धा वॉकर की दिल्ली में नृशंस हत्या ने वसई-विरार क्षेत्र में उसके दोस्तों को स्तब्ध कर दिया है, जिसमें उसके कॉलेज के दोस्त भी शामिल हैं, जो पिछले दो दिनों से दबी जुबान में इस जिंदादिल लड़की की दर्दनाक मौत की चर्चा कर रहे हैं। ऐसी ही एक करीबी और साथ पढ़ने वाली दोस्त शारदा जायसवाल बताती हैं कि कैसे कुछ साल पहले उनके कई दोस्त श्रद्धा को पूरी तरह से गंजा देख भौचक्के रह गए थे। शारदा ने कहा कि उसने अपना सिर मुंडवा लिया था, शायद डिप्रेशन के कारण या अपनी मां की मौत के बाद, हालांकि सटीक कारणों को कोई नहीं जानता।

उसने कहा कि अधिकांश दोस्त इससे चौंक गए थे, क्योंकि श्रद्धा अपने बालों को लेकर बहुत जुनूनी थी, लेकिन बाद में उसने केवल छोटे बाल जैसा हेयरस्टाइल रखा। एक और घनिष्ठ मित्र जी.एस. मेनेजेस के पास श्रद्धा और अन्य दोस्तों के साथ महाराष्ट्र के अलग-अलग पहाड़ियों, हिमाचल प्रदेश में हिमालय की तलहटी और भारत के अन्य हिस्सों में घूमने जाने की सुखद यादें हैं।

shraddha walker

Image Source : IANS
श्रद्धा वॉकर के दोस्त

पिछले साल मई में, वह हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ में गार्डन कैफे गई थी और ऐसे ही अक्सर अन्य स्थानों पर जाती रहती थी क्योंकि उसे प्रकृति से बहुत प्यार था। शारदा और श्रद्धा ने विरार पश्चिम में बीएमएम की पढ़ाई एक साथ की थी, वहीं से मेनेजेस ने भी पढ़ाई की थी। मेनेजेस ने कहा, जब मैंने कई साल पहले कॉलेज में एडमिशन लिया था, वह मेरी अच्छी दोस्तों में से एक थी और फिर हमारा काफी बड़ा ग्रुप था..हम लंबी पैदल यात्रा, ट्रेकिंग, रेस्टोरेंट या कॉफी-शॉप में छोटी सैर पर जाते थे और कभी-कभी लॉन्ग ट्रिप पर भी जाया करते थे।

शारदा ने कहा, कॉलेज में कई फैकल्टी सदस्य अक्सर 'शारदा' और 'श्रद्धा' के नाम में कंफ्यूज रहते थे, उन्हें एक-दूसरे के नाम से बुलाते थे, तो वह हंसने लगते थी। कॉलेज में, वह सभी के साथ बहुत खुशमिजाज थी..कई दोस्तों के साथ लेकिन ग्रुप में बहुत कम लोगों के करीब थी..उसने कॉलेज में सभी कार्यक्रमों में भाग लिया, वह खुशमिजाज और मौज-मस्ती करने वाली थी, हालांकि वह अपने प्रेमी के संपर्क में आने के बाद बदल गई थी।

शारदा और मेनेजेस दोनों ने कहा कि कॉलेज में कुछ साल बाद ही वह अचानक कॉलेज से दूर हो गई, क्योंकि वह आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना चाहती थी और डेकाथलॉन नामक एक कंपनी में शामिल हो गई और बाद में मुंबई के मलाड उपनगर में एक बीपीओ (कॉल सेंटर) में नौकरी करने लगी। आफताब अमीन पूनावाला के साथ चल रहे अफेयर के बारे में जानने वाली मेनेजेस ने कहा, अपनी पढ़ाई के लिए पैसा जमा करने के बाद ही, उसने अपनी पढ़ाई फिर से शुरू की और ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।

shraddha walker

Image Source : PTI
स्कूल स्टूडेंट्स ने श्रद्धा को श्रद्धांजलि दी

लेकिन उसके दूसरी बार आने के दौरान ज्यादातर दोस्तों ने बदली हुई श्रद्धा को देखा, उसकी जिंदादिली गायब, थोड़ा हटकर, फोन पर भी लंबे समय तक संपर्क से दूर रहना, हर चीज में दिलचस्पी न लेना, सतर्क, चिंतित और जीवन से खुद को काटती हुई दिखाई दी। शारदा और मेनेजेस, और एक अन्य बचपन के दोस्त लक्ष्मण नाडर को भी आफताब के साथ उसके रिश्ते के बारे में पता चला। उसके थोड़े दिनों बाद वह आफताब के साथ रहने के लिए अपने घर से चली गई।

कुछ दोस्तों ने उससे बात करने की कोशिश की लेकिन वह ज्यादातर हर किसी से बचती रही यानी अलग होती रही लेकिन कुछ करीबी दोस्तों को उसने बताया था कि आफताब उसे प्रताड़ित करता है, उसकी पीठ पर सिगरेट के जले हुए धब्बे थे। उसने बताया कि वह उसे ब्लैकम करता और जान से मारने की धमकी देता है। कुछ दोस्तों ने आफताब से बात की और श्रद्धा को चोट पहुंचाने पर पुलिस की चेतावनी दी, जिसके बाद आफताब ने माफी मांगी और ऐसा नहीं करने का वादा किया।

delhi police

Image Source : PTI
दिल्ली पुलिस

शारदा और मेनेजेस ने कहा कि वह पारंपरिक, रूढ़िवादी परिवार से हैं, जो गणेशोत्सव जैसे त्योहार मनाता है और इसलिए हो सकता है कि उसके अंतर-धार्मिक संबंधों पर आपत्ति जताई हो। कई दोस्तों ने भी उसे अपने माता-पिता के पास जाने की सलाह दी, लेकिन स्वतंत्र दिमाग वाली श्रद्धा ने उनकी दलीलों को खारिज कर दिया और आफताब के साथ ही रही, और आखिरकार वह अप्रैल में उसके साथ दिल्ली चली गई।

मेनेजेस को आखिरी बार श्रद्धा से एक वीडियो-एडिटिंग जॉब के लिए कुछ मदद मांगने पर बात हुई थी और उसने उसकी सहायता की, जबकि लगभग दो साल तक शारदा सोशल मीडिया के माध्यम से श्रद्धा के संपर्क में रही। इस हफ्ते की शुरुआत में, पालघर में उसके कॉलेज में और उसके दोस्तों के बीच उसकी क्रूर हत्या की खबर से हड़कंप मच गया और हर तरफ निराशा की लहर दौड़ गई। उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काटकर दिल्ली के जंगलों में फेंक दिया गया। श्रद्धा हत्याकांड ने देश को हिलाकर रख दिया।

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