गोंदिया: महाराष्ट्र में इस साल के अंत तक विधानसभा का चुनाव होना है और सभी सियासी दल अभी से जमीन मजबूत करने में जुट गए हैं। इस बीच महायुति के अहम घटक दल भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। गोंदिया क्षेत्र के पूर्व विधायक और पार्टी के बड़े नेता गोपालदास अग्रवाल ने पार्टी छोड़ कर कांग्रेस में वापसी का ऐलान कर दिया है। गोपालदास अग्रवाल ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
गोंदिया से तीन बार विधायक रह चुके हैं गोपालदास अग्रवाल
बता दें कि गोपालदास अग्रवाल दो बार एमएलसी और गोंदिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर तीन बार विधायक रह चुके हैं। वे 2019 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। 2019 में कांग्रेस ने उन्हें गोंदिया विधानसभा सीट से टिकट दिया था लेकिन नामांकन भरने की आखिरी तारीख से 48 घंटे पहले वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। इसके बाद वे बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े। हालांकि निर्दलीय उम्मीदवार विनोद अग्रवाल के हाथों 25000 से अधिक मतों से वे चुनाव हार गए थे।
बीजेपी छोड़ कांग्रेस में गए अग्रवाल
2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे भी महाराष्ट्र में बीजेपी की उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे। जैसी अपेक्षा थी वैसा रिजल्ट गोंदिया भंडारा जिले से नहीं आया और बीजेपी लोकसभा का चुनाव भी इस जिले से हार गई थी। एक बार फिर गोंदिया भंडारा जिले के कई नेता महाविकास आघाड़ी में शामिल हो रहे हैं। इसी कड़ी में गोपालदास अग्रवाल ने भी पंजा चुनाव चिन्ह से गोंदिया विधानसभा क्षेत्र से फिर भाग्य आजमाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बीजेपी छोड़ने का ऐलान कर दिया है।
मंत्री पद की लालसा नहीं
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी छोड़ने का ऐलान किया। गोपालदास अग्रवाल ने कहा कि वे सितंबर 2019 को बीजेपी में शामिल हुए थे। अग्रवाल ने कहा कि उस समय हमारे एक हजार कार्यकर्ता सामने थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने मैंने कहा था कि देवेंद्र जी लोगों के मन में सवाल आएगा कि मैं किसी मंत्री पद की लालसा में आया हूं, लेकिन ऐसा नहीं है। गोंदिया के अंदर सारे काम आपको अगले पांच साल में करना होगा। मेरा उद्देश्य गोंदिया का विकास है इसलिए मैं आपके साथ आया हूं।
मुझे विकास का लालच, मंत्रीपद का नहीं
उन्होंने कहा कि बीजेपी को 2019 में गोंदिया विधानसभा क्षेत्र में कमल खिलाने का लालच था , मुझे विकास का लालच था इसलिए मैं बीजेपी में गया, लेकिन न परिश्रम की कद्र हुई और ना निष्ठा की कदर हुई और इसीलिए घर वापसी करना कोई अवसरवाद नहीं। उन्होंने कहा,'पार्टियां बदलना अवसरवाद है और मैंने पहले ही कहा सुबह का भूला अगर शाम को घर लौट आए तो उसे भूला नहीं कहते ? यह सर्वविदित बात है और इसलिए मैं किसी पार्टी में प्रवेश नहीं कर रहा हूं मैं अपने घर वापस आया हूं।'
(रिपोर्ट-रवि आर्या, गोंदिया)