शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग से चुनाव प्रचार में धर्म के इस्तेमाल के मुद्दे पर स्पष्टता मांगी है। उद्धव ठाकरे ने अपने खत में लिखा है कि चुनाव आयोग ने उनके पिताजी बालासाहेब ठाकरे के मतदान के अधिकार पर 6 वर्षों तक रोक लगा दी गई थी क्योंकि उन्होंने चुनाव प्रचार में कहा था मंदिर वहीं बनाएंगे, गर्व से कहो हम हिंदू हैं। चुनाव आयोग ने इन बयानों को करप्ट प्रैक्टिसेज की श्रेणी में रखते हुए मेरे पिताजी पर रोक लगाई था लेकिन हाल के दिनों में सत्ताधारा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव प्रचार में धर्म का इस्तमाल किया है।
PM मोदी और अमित शाह के बयान का दिया हवाला
उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के बयान का हवाला दिया। ठाकरे ने लिखा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा था कि बजरंगबली की जय का नारा देकर EVM का बटन दबाना। अमित शाह ने मध्य प्रदेश के मतदाताओं को कहा है कि सत्ता में आने पर सभी राम भक्तों को मुफ्त में अयोध्या में राम लला के दर्शन करवाएंगे। धर्म का इस्तमाल करने पर मेरे पिता पर बैन लगाया गया लेकिन अब सत्तापक्ष के लोग चुनाव प्रचार में धर्म का इस्तमाल कर रहे हैं। ऐसे चुनाव आयोग बताएं कि क्या चुनाव प्रचार के दौरान धर्म के इस्तमाल पर लगी रोक के नियम को रद्द कर दिया है या फिर इसमें कुछ बदलाव किया है?
'सत्तापक्ष को फ्री हिट और हमारा हिट विकेट'
उन्होंने कहा, अगर इस नियम को बदला गया है तो चुनाव आयोग हमें भी बताएं ताकि हम भी चुनाव में जय श्री राम, जय भवानी जय शिवाजी, गणपति बप्पा मोरया का नारा देकर वोट देने के लिए मतदाताओं को कहेंगे। ऐसा नहीं होना चाहिए कि चुनाव आयोग सत्तापक्ष को फ्री हिट दे और विपक्ष को हिट विकेट करते रहे। ठाकरे ने कहा कि, हाल में चुनाव आयोग ने विपक्ष के कुछ नेताओं को नोटिस जारी किया। चुनाव आयोग बहुत जागरुक है ऐसे में हम उम्मीद करतें है कि चुनाव आयोग हमारे खत का जवाब देगी।
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