मुंबई: विनायक दामोदर सावरकर उर्फ वीर सावरकर (Veer Savarkar) को लेकर जारी विवाद पर शिवसेना ने अपना पक्ष साफ कर दिया है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने साफ तौर पर कहा कि वह (वीर सावरकर) उनके आदर्श रहे हैं और आगे भी रहेंगे। उन्होंने कहा कि 'वीर सावरकर के बारे में बीजेपी और RSS को जो भी भूमिका लेनी है, वो ले, लेकिन वीर सावरकर के बारे में शिवसेना की जो भूमिका शुरू से रही है, वही रहेगी। वीर सावरकर हमारे आदर्श रहे हैं और रहेंगे।'
पत्रकारों से बातचीत में संजय राउत ने कहा कि "मैं मोहन भागवत, RSS और BJP से सवाल करना चाहता हूं कि अगर उनके दिल मे वीर सावरकर के प्रति प्यार उमड़ा है, तो आप उन्हें भारत रत्न कब दे रहे हैं?" वहीं, सावरकर के माफी वाले मसले पर जब संजय राउत से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 'जो स्वतंत्रता सैनानी 10 साल जेल में बंद था, उसने जेल में पड़े रहने की बजाए बाहर निकलकर देश की आजादी के लिए कुछ सकारात्मक किया, तो वो माफी मांगना नही होता।'
बता दें कि मंगलवार को एक पुस्तक विमोचन समारोह में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि 'सावरकर ने खुद नहीं बल्कि गांधी जी के कहने पर दया याचिका लगाई थी।' उन्होंने यह बात वीर सावरकर द्वारा अंग्रेजों के समक्ष दया याचिका दिए जाने को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम पर कही थी। इससे अलावा संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी इसी कार्यक्रम में कहा था कि वीर सावरकर के खिलाफ आजादी के बाद से मुहिम चलाई जा रही है।
राजनाथ सिंह और मोहन भागवत के बयान के बाद से कांग्रेस सहित कई अन्य दलों ने जुबानी जंग छेड़ दी है। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने तो यहां तक कहा कि ये अब नया 'राष्ट्रपिता' (वीर सावरकर को) बना देंगे। ऐसे में बुधवार को इस विवाद को लेकर अपना पक्ष एकदम साफ कर दिया।