मुंबई। महाराष्ट्र की महाविकास अघाडी सरकार के 3 प्रमुख सहयोगी दलों में से 2 दलों यानि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और शिवसेना के बीच मनसुख हिरेन के मामले को लेकर एक राय नजर नहीं आ रही है। इस मामले पर NCP ने कहा है कि मनसुख हिरेन की हत्या हुई है जबकि शिवसेना का कहना है कि जांच के बाद ही पता चलेगा की मनसुख की हत्या हुई है या उन्होंने आत्महत्या की है। सरकार के दो प्रमुख घटक दल एक मुद्दे पर अलग-अलग बयान दे रहे हैं। इससे सवाल खड़े हो रहे हैं कि कि मनसुख हिरेन मामले पर कहीं शिवसेना और NCP के बीच में तकरार तो नहीं है।
शुक्रवार सुबह जब महाराष्ट्र के गृह मंत्री और NCP नेता अनिल देशमुख ने दिल्ली में NCP सुप्रीमो शरद पवार के साथ मुलाकात के बाद बयान दिया तो उसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हसमुख हिरेन की हत्या हुई है। अनिल देशमुख ने शुक्रवार सुबह दिल्ली में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से उनके निवास पर मुलाकात की। मुलाकात के बाद अनिल देशमुख ने बताया कि शरद पवार के साथ उनकी मुलाकात के दौरान मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर मिले विस्फोटक के मामले तथा मनसुख हिरेन की हत्या के मामले पर बात हुई।
वहीं दूसरी तरफ शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा गया था कि मनसुख हिरेन की मृत्यु के कारण की जांच चल रही है, सामना में लिखा गया, "मनसुख की हत्या हुई होगी तो अपराधी बचेंगे नहीं। उन्होंने आत्महत्या की होगी तो उसके पीछे का कारण ढूंढ़ा जाएगा और उसी के लिए मुंबई सहित राज्य के पुलिस बल में भारी फेरबदल किया गया है।" सामना का संपादकीय शिवसेना सांसद और संजय राउत लिखते हैं।
महाराष्ट्र में मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक मिलने के मामले और जिस गाड़ी में विस्फोटक था उसके मालिक हंसमुख हिरेन की संदिग्ध मौत के मामले से राज्य की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। दोनों मामले में महाराष्ट्र पुलिस के ASI सचिन वाजे की भूमिका को लेकर जांच एजेंसियों को शक है और सचिन वाजे को बर्खास्त किया जा चुका है। राज्य में विपक्षी पार्टियां सत्तापक्ष पर आरोप लगा रही हैं कि वे सचिन वाजे को बचा रही हैं और खुद सचिन वाजे अकेला इस तरह का काम नहीं कर सकता, सरकार में कोई सचिन वाजे का गॉडफादर बैठा है।
महाराष्ट्र के इस मामले से विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन तक लगाने की मांग कर दी है। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।