महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार आज सिंधुदुर्ग के मालवण पहुंचे हैं। उनके साथ एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सुनील तटकरे भी मौजूद हैं। अजित पवार राजकोट किले में शिवाजी महाराज की क्षतिग्रस्त मूर्ति की जगह का निरीक्षण करेंगे। शिवाजी का पुतला कैसे गिरा, इसकी अधिकारियों से जानकारी लेंगे। बता दें कि 9 महीने में ढही छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को लेकर जहां विपक्ष सरकार को घेर रहा है। वहीं, सरकार अपना बचाव करने में लगी है, जबकि एनसीपी ने इस मुद्दे पर सरकार से अलग रुख अपनाया है।
इससे पहले अजित पवार ने इस हादसे के लिए पहले ही महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगी थी। अजित पवार ने कहा था, ''छत्रपति शिवाजी महाराज का स्टेच्यू गिर गया। ये बहुत निंदनीय है। इसमें जो भी अपराधी है, उसको इसकी सजा देंगे। मैं इस महाराष्ट्र का डिप्टी सीएम, महाराष्ट्र के 13 करोड़ लोगों से क्षमा मांगता हूं। छत्रपति शिवाजी महाराज महाराष्ट्र के देवता हैं। युग पुरुष छत्रपति शिवाजी महाराज हम सबके देवता हैं और देवता का पुतला इस तरीके से गिरना, ये हम सबको धक्का देने वाली बात है।''
100 बार झुककर माफी मांगता हूं- शिंदे
वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी कहा कि वह सौ बार झुककर माफी मांगते हैं। सीएम शिंदे ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि उनकी विनती करते हैं कि छत्रपति शिवाजी महाराज के इस विषय को लेकर राजनीति नहीं करें, क्योंकि छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे भगवान हैं। उनके पैर पर 10 बार नहीं, 100 बार झुक कर माफ़ी मांगूंगा। सीएम शिंदे ने आगे कहा कि वहां की हवाओं, वातावरण और समग्र स्थिति की समीक्षा के बाद महाराज की एक नई मजबूत प्रतिमा लगाई जाएगी।
जांच के लिए गठित की कमेटी
सरकार ने घटना को लेकर ठेकेदारों पर एक्शन लिया है, साथ ही प्रतिमा के ढहने के कारणों का पता लगाने के लिए इंजीनियर, आईआईटी के विशेषज्ञों और नौसेना अधिकारियों की एक टेक्निकल कमेटी गठित की है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा बुधवार बताया कि सरकार ने योद्धा राजा के ‘‘कद के अनुरूप एक भव्य प्रतिमा’’ बनाने के लिए एक कमेटी भी गठित की है। यह फैसला मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने लिया।
9 माह पहले हुआ था मूर्ति अनावरण
शिंदे ने बुधवार रात दक्षिण मुंबई स्थित अपने आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में वरिष्ठ मंत्रियों, नौकरशाहों और नेवी अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की, इसके बाद प्रतिमा बनाने के ठेकेदार के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। पीडब्ल्यूडी की एक शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि प्रतिमा का निर्माण कार्य घटिया गुणवत्ता का था। बता दें कि शिवाजी की प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने करीब 9 माह पहले किया था।
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