मुंबईः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद शिवसेना (उद्धव गुट) के सुर बदलने लगे हैं। पार्टी के सीनियर नेता संजय राउत ने संकेत दिया है कि ठाकरे सेना आगामी बीएमसी चुनाव अकेले लड़ सकती है। पुणे में मीडिया को संबोधित करते हुए संजय राउत ने कहा कि कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि महानगरपालिका चुनाव अकेले लड़ा जाए। उन्होंने कहा कि मुंबई में हमारी ताकत है। मुंबई में हमें लड़ना चाहिए ये कार्यकर्ताओं की इच्छा है।
संजय राउत ने कही ये बड़ी बात
संजय राउत ने कहा कि विधानसभा चुनाव में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी हमने मुंबई में 10 सीटें जीती। 4 सीट बहुत कम मार्जिन से हारे। मुंबई में शिवसेना (उद्धव गुट) की ताकत बनी रहनी चाहिए नहीं तो ये लोग (विरोधी दल) मुंबई को तोड़ देंगे। जिस तरह से मराठी लोगों पर हमले हो रहे है ये सब देख रहे हैं।
महाराष्ट्र कांग्रेस का भी सामने आया बड़ा बयान
संजय राउत के बयान के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने भी कहा है कि उद्धव शिवसेना अकेले चुनाव लड़ेगी तो कांग्रेस भी अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। लोकल बॉडी चुनाव गठबंधन में हम पहले भी अकेले लड़े हैं। इस संबंध में हम बैठ कर चर्चा करेंगे।
शिंदे शिवसेना ने कसा तंज
वहीं, वही एकनाथ शिंदे शिवसेना ने इस मामले पर कहा कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने हिंदुत्व छोड़ दिया है। हिंदुत्व की धरपकड़ वो कर रहे हैं। उनकी पार्टी काफ़ी असमंजस में है। लोकसभा में जो कुछ भी उन्हें सफलता मिली वह सिर्फ़ कांग्रेस और NCP के कारण मिली। अकेले चुनाव लड़ने के अलावा उद्धव ठाकरे के पास कोई चारा नहीं है। लेकिन क्या वो इतनी हिम्मत दिखा पाएंगे क्या ? यह सबसे बड़ा सवाल है।
विधासनभा चुनाव में नहीं मिली सफलता
बता दें कि शिवसेना यूबीटी महा विकास अघाड़ी का हिस्सा है। जिसमें कांग्रेस और एनसीपी (शरद गुट) शामिल है। तीनों पार्टियां मिलकर विधानसभा चनाव लड़ी थी लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। चुनाव के बाद एमवीए में शामिल सपा भी अलग हो गई थी। अगर शिवसेना यूबीटी अकेले चुनाव लड़ी तो यह एमवीए के लिए झटका होगा।