केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के विधायक बेटे नितेश राणे के खिलाफ शिवसेना के साथ महाविकास अघाड़ी के मंत्री और विधायक भी लगातार आक्रामक हो रहे हैं। शिवसेना के विधायकों की नाराज़गी भी नितेश राणे के खिलाफ खुलकर सामने आ रही है। शिवसेना विधायक सुहास कांदे ने आरोप लगाया कि छले सप्ताह राणे जब विधान भवन परिसर में बैठे थे, तब उन्होंने भवन के भीतर जा रहे ठाकरे की ओर देखकर ‘म्याऊं’ की आवाज निकाली थी।
आज विधानभवन के अंदर हुई कैबिनेट की बैठक में भी ये मुद्दा उठाया गया और सभी ने आपत्ति जताई। इसमें कहा गया कि जिस तरह आए नितेश राणे ने आदित्य ठाकरे को चिन्हित कर बिल्ली की आवाज में म्याऊं-म्याऊं कई बार कहा वो निंदनीय है, ऐसा कृत्य किसी विधायक को शोभा नहीं देता। नितेश राणे ये बताना चाह रहे थे कि शिवसेना जो पहले शेर थी अब कोंग्रेस,एनसीपी के साथ आकर बिल्ली बन गई है। नितेश राणे ने ऐसा बयान भी मीडिया में असेंबली के बाहर आकर दिया था।
ऐसे में शिवसेना और एमवीए के मंत्री विधानसभा अध्यक्ष से आज दिनभर लगातार मांग करते रहे कि नितेश राणे को हाउस से निलंबित किया जाए। वहीं, बीजेपी ने इस मांग का विरोध किया। कल यानी मंगलवार को भी शिवसेना की ये मांग जारी रहेगी, ऐसा शिवसेना के सूत्रों से पता चला है, या तो नितेश अपने इस कृत्य पर माफी मांगें या उन्हें निलंबित किया जाए। कल विधानसभा अध्यक्ष नरहरि झिरवल इस मामले पर अपना फैसला सुना सकते हैं।
आज विधासभा सत्र के दौरान शिवसेना सदस्यों की नारेबाजी और हंगामे के चलते सदन के पीठासीन अधिकारी ने 10 मिनट के लिए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी। सदन की कार्रवाई शुरू होने के बाद पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नितेश राणे के उनके व्यवहार के लिए फटकार लगाई जाएगी। सदन के बाहर हुई घटना के लिए एक सदस्य को निलंबित करना ठीक नहीं है।