मुंबई: शिवसेना के विधायक अनिल बाबर का बुधवार को निधन हो गया। 74 साल के बाबर पिछले कई दिनों से बीमारी से जूझ रहे थे। वह शिवसेना में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट से थे और सूबे की खानपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। बाबर के निधन की वजह से आज मुंबई के मंत्रालय में होने वाली कैबिनेट बैठक को रद्द कर दिया गया है।
सिर्फ 19 साल की उम्र में सरपंच बन गए थे बाबर
अनिल कलजेराव बाबर का जन्म 7 जनवरी 1950 को महाराष्ट्र के कराड में एक किसान परिवार में हुआ था। वह बहुत कम उम्र में राजनीति में आ गए थे और सिर्फ 19 साल की आयु में गरडी गांव के सरपंच चुन लिए गए थे। इसके बाद उन्होंने सियासत में कामयाबी का सिलसिला लगातार जारी रखा। शिवसेना में बगावत होने के बाद उन्होंने एकनाथ शिंदे के गुट का दामन थाम लिया था। बाबर मराठी, हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं के अच्छे जानकार थे।
1972 में शुरू हुआ था बाबर का सियासी सफर
अनिल बाबर के सियासी सफल की बात करें तो वह 1972 में सांगली जिला परिषद के लिए चुने गए थे। इसके बाद 1981 में सांगली जिला परिषद के बिल्डिंग डिपार्टमेंट के स्पीकर बने। 1982 से 1990 तक वह खानापुर पंचायत समिति के स्पीकर रहे। 1990 में वह खानापुर विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने। इसके बाद वह 1999, 2014 और 2019 से भी इसी विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। बाबर को शिवसेना के कद्दावर नेताओं में गिना जाता था।