देश की 18वीं संसद का पहला सत्र शुरू होने से ठीक पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने भारतीय जनता पार्टी पर सहयोगी दलों को तोड़ने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष की यह लड़ाई महत्वपूर्ण है। इस बार, स्थिति 2014 और 2019 जैसी नहीं है। सरकार स्थिर नहीं है। हमने सुना है कि चंद्रबाबू नायडू ने लोकसभा अध्यक्ष पद मांगा है। अगर एनडीए के किसी उम्मीदवार को लोकसभा अध्यक्ष का पद नहीं मिलेगा, तो पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह टीडीपी, जेडीयू और एलजेपी (रामविलास) को तोड़ देंगे। अगर चंद्रबाबू नायडू को यह पद नहीं मिलता है तो हम सुनिश्चित करेंगे कि उनके उम्मीदवार को इंडिया गठबंधन से समर्थन मिले।"
आरएसएस को लेकर संजय राउत ने कहा कि संघ को एक रोल देश को बचाने का निभाना पड़ेगा। 10 साल तक देश का जो नुकसान किया है, उसमे संघ भी जिम्मेदार है। राष्ट्रीय सुरक्षा का जो नुकसान मोदी शाह ने किया है। उसमें बराबर का जिम्मेदार संघ भी है, क्योंकि संघ के समर्थन से यह सरकार बनी है और अब संघ अपनी गलती सुधारना चाहता है तो यह अच्छी बात है।
बीजेपी पर साधा निशाना
संजय राउत ने कहा कि बीजेपी का काम ही यही है, जिसका नमक खाते है उसी को खत्म कर देते है। जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं। अगर नायडू को लोकसभा स्पीकर पद मिलता है तो हम जरूर उसका स्वागत करेंगे, लेकिन अब स्तिथि बदल गई है। हम चाहें तो अपना बहुमत लोकसभा में दिखा सकते हैं। अगर चंद्र बाबू को यह पद नही मिला और वो अपना उम्मीदवार खड़ा करते हैं। तो हम पूरे इंडिया एलायंस में बातचीत करेंगे।
एनडीए की सरकार स्थिर नहीं
सरकार बनाने को लेकर उन्होंने कहा कि अब 2014 और 2019 वाली स्तिथि संसद में नही रह गई है। अगर राहुल गांधी जी बोलते है कि हम सरकार कभी भी गिरा सकते हैं। तो उसका मतलब आप समझिए की एनडीए की जो सरकार बनी है वो स्थिर नहीं है, कुछ भी हो सकता है।