Highlights
- शिवसेना का चुनाव चिन्ह किया गया फ्रीज
- चुनाव आयोग ने पार्टी से मांगे नए नाम-चिन्ह
- शिंदे ने अपने गुट के नेताओं के साथ की बैठक
Shiv Sena Crisis: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के आवास वर्षा पर एकनाथ शिंदे ने अपने विधायकों, मंत्रियो और अपने प्रमुख नेताओं के साथ बैठक की। एकनाथ शिंदे गुट की ये बैठक शिवसेना के नाम और निशान को लेकर चुनाव आयोग के फैसले के बाद हुई है। सूत्रों ने बताया कि शिंदे गुट की इस मीटिंग में शिवसेना के चुनाव चिन्ह और पार्टी के नाम पर फ़ैसले लेने का पूरा अधिकार पार्टी की कार्यकारिणी को दिया गया।
चुनाव आयोग को पत्र लिखेगी पार्टी की कार्यकारिणी
शिवसेना के नाम और निशान को फ्रीज करने के बाद चुनाव आयोग ने नए नाम और चिन्ह मांगे हैं। इसके बाद शिंदे गुट ने अपने नेताओं के साथ वर्षा पर बैठक की। अब पार्टी की कार्यकारिणी चुनाव आयोग के पास पत्र लिखकर अपनी आधिकारिक भूमिका रखेगी। शिंदे गुट के प्रवक्ता शीतल म्हात्रे ने बताया कि राज्य सरकार को 100 दिन पूरे हुए हैं। क्या-क्या काम किए इसपर और बाकी विषयों पर बैठक में चर्चा हुई है। बाकी विषयों पर शिंदे गुट की तरफ से कल दोपहर तक बात रखी जायेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी का चिन्ह फ्रीज हुआ है इसका दुख हमे भी हुआ है।
शिंदे गुट की ओर से रखे गए ये नाम और निशान
सूत्रों की मानें तो इस मीटिंग में पार्टी के चुनाव चिन्ह और पार्टी के नाम पर फ़ैसले लेने का पूरा अधिकार पार्टी की कार्यकारिणी को सौंपा गया है। एकनाथ शिंदे के साथ हुई मिटिंग में शिवसेना के नए चुनाव चिन्ह के तौर पर तलवार, तुतारी और गदा को बतौर चुनाव चिन्ह रखा जाए, इस तरह की बातें सामने आई हैं। इतना ही नहीं इस बैठक में पार्टी के नए नाम को लेकर भी चर्चा हुई। इस दौरान शिवसेना प्रबोधनकार ठाकरे और शिवसेना बालासाहेब ठाकरे, इन नामों के सुझाव रखने की बात भी सामने आई। हालांकि शिंदे गुट की ओर से पार्टी का क्या नाम और निशान होगा, इसकी आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है।
उद्धव गुट ने भेजे ये तीन नाम और चुनाव चिन्ह
वहीं उद्धव गुट ने चुनाव आयोग को शिवसेना के नए निशान और नाम के विकल्प भेजे हैं। उद्धव गुट ने नए चुनाव चिन्ह के तौर पर त्रिशूल, उगता सूरज और मशाल का विकल्प दिया है। उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के सामने तीन चुनाव चिन्ह और पार्टी के तीन नामों के विकल्प सौंपे हैं। उद्धव ने नए नाम के तौर पर 'शिवसेना (बालासाहेब ठाकरे)', 'शिवसेना (प्रबोधनकर ठाकरे)' या 'शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)' के विकल्प चुनाव आयोग को दिए हैं।