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Shiv Sena Crisis: किसका होगा शिवसेना का तीर कमान? उद्धव और शिंदे गुट में मची है खींचतान

Shiv Sena Crisis: उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) नीत महा विकास आघाड़ी सरकार में मंत्री रहे पाटिल ने कहा कि पार्टी के 12 सांसद और 22 पूर्व विधायक भी शिंदे का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम पार्टी के चुनाव चिह्न तीर कमान के असली हकदार हैं।’’

Reported By : PTI Edited By : Swayam Prakash Published on: July 06, 2022 22:11 IST
 Maharashtra Chief Minister Eknath Shinde and former CM Uddhav Thackeray- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Maharashtra Chief Minister Eknath Shinde and former CM Uddhav Thackeray

Highlights

  • शिंदे गुट के विधायक का शिवसेना चुनाव चिन्ह पर बड़ा दावा
  • "एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला धड़ा ‘तीर कमान’ का हकदार"
  • पाटिल ने किया 40 विधायक, 12 सांसदों के साथ का दावा

Shiv Sena Crisis: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को सत्ता से ऐसे बाहर किया कि अब उन्हें अपनी पार्टी पर ही खतरा मंडराता दिख रहा है। कुर्सी जाने के बाद उद्धव को डर है कि शिंदे कहीं अब शिवसेना (Shiv Sena) को भी हाईजैक न कर लें। इस बीच शिवसेना (Shiv Sena) के बागी और शिंदे गुट के विधायक गुलाबराव पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाला धड़ा पार्टी के चुनाव चिह्न ‘तीर कमान’ का असली हकदार है। वहीं उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की अगुवाई वाले खेमे ने इस दावे पर विरोध दर्ज कराया है। 

"हम तीर कमान के असली हकदार"

उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) नीत महा विकास आघाड़ी सरकार में मंत्री रहे पाटिल ने कहा कि पार्टी के 12 सांसद और 22 पूर्व विधायक भी शिंदे का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम पार्टी के चुनाव चिह्न तीर कमान के असली हकदार हैं।’’ वहीं ठाकरे नीत खेमे के सदस्य और सिंधुदुर्ग से लोकसभा सदस्य विनायक राउत ने विद्रोहियों को यह घोषणा करने की चुनौती दी कि वे शिवसेना छोड़ चुके हैं। 

विनायक राउत ने बागी खेमे से यह भी कहा कि वे भाजपा (BJP) से राज्य में मध्यावधि चुनाव कराने को कहें। उन्होंने कहा, ‘‘बागियों का पार्टी के चुनाव चिह्न पर दावा करने का कोई अधिकार नहीं है जिसे हमारे पिता (शिवसेना संस्थापक) बालासाहब ठाकरे ने बनाया था। हम मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार हैं। भाजपा को राज्य में राजनीतिक अस्थिरता समाप्त करनी चाहिए और मध्यावधि चुनाव की मांग करनी चाहिए।’’ 

"...तो पार्टी किसकी हुई?"

इससे पहले आज दिन में जलगांव जिले में अपने विधानसभा क्षेत्र में संवाददाताओं से बातचीत में पाटिल ने दावा किया कि 18 शिवसेना (Shiv Sena) सांसदों में से 12 जल्द ही शिंदे नीत खेमे में शामिल हो जाएंगे। पूर्व मंत्री ने दावा किया कि शिंदे खेमा 56 साल पुरानी क्षेत्रीय पार्टी की गरिमा को वापस लौटाएगा। उन्होंने कहा, "हमारे पास (बागी गुट में) 55 विधायकों में से 40 का समर्थन है और 18 सांसदों में से 12 हमारे साथ हैं। तो पार्टी किसकी हुई? मैंने चार सांसदों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की है। हमारे साथ 22 पूर्व विधायक भी हैं।"

उद्धव मांग रहे ईमानदारी का 'सर्टिफिकेट'

खबर है कि एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) अब अलग गुट स्थापित कर शिवसेना के चुनाव चिन्ह और पार्टी पर दावा ठोक सकतें है। इस आशंका के मद्देनजर शिवसेना सावधान हो गई है। शिवसेना (Shiv Sena) सूत्रों ने इंडिया टीवी को बताया कि शिवसेना के सभी सांसद, विधायक, पार्षद, जिला प्रमुख, विभाग प्रमुख और अन्य सभी संगठनों के प्रमुखों को आदेश दिया गया है कि वो पार्टी के प्रति निष्ठावान होने का प्रमाणपत्र लिखित में दें।

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