मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को उन अफवाहों को खारिज कर दिया कि शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी फिर से एक साथ आ सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने हाल में संपन्न विधानमंडल के मॉनसून सत्र के दौरान बीजेपी के व्यवहार की भी आलोचना की। पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक हलकों में कयास लगाए जा रहे थे कि ठाकरे नीत शिवसेना और बीजेपी के बीच मेल-मिलाप की संभावना है, जिनकी राहें 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद जुदा हो गई थीं। उन्होंने दोनों दलों के एक बार फिर हाथ मिलाने के सवाल पर कहा, ‘जब हम 30 वर्षों तक साथ थे तो जो कुछ नहीं हुआ वह अब क्या होगा।’
‘बीजेपी सदस्यों के कृत्य स्वस्थ लोकतंत्र की निशानी नहीं’
दो दिवसीय सत्र के समाप्त होने के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सदस्यों के कृत्य स्वस्थ लोकतंत्र की निशानी नहीं हैं। विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव से कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने के लिए बीजेपी के 12 विधायकों को सोमवार को एक वर्ष के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। ठाकरे ने कहा, ‘बीजेपी को उस प्रस्ताव पर हंगामा करने की जरूरत क्या थी जिसमें केंद्र सरकार से राज्य के पिछड़ा वर्ग आयोग को 2011 की जनगणना का आंकड़ा मुहैया कराने के लिए कहा गया है ताकि ओबीसी की संख्या का पता चल सके।’
‘मतभेद हैं, लेकिन हम भारत-पाकिस्तान नहीं हैं’
उद्धव ने कहा, ‘क्या हम कह सकते हैं कि ओबीसी से उसकी शत्रुता सामने आ गई? बीजेपी विधायकों के व्यवहार से हमारा सिर शर्म से झुक गया।’ बता दें कि इसस पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने अभिनेता आमिर खान और किरण राव के बीच तलाक के बाद के उनके रिश्ते का हवाला देते हुए सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी और बीजेपी के राजनीतिक रास्ते अलग हैं लेकिन इन पूर्व गठबंधन सहयोगियों के बीच दोस्ती बनी हुई है। उन्होंने कहा था, 'मतभेद हैं, लेकिन जैसा कि मैं लंबे समय से कह रहा हूं, हम भारत-पाकिस्तान नहीं हैं। बैठकें और बातचीत होती है, लेकिन अब हमारे रास्ते अलग हो गए हैं। राजनीति में, हमारे रास्ते अलग हुए हैं।'