
मुंबईः महाराष्ट्र में औरंगजेब कब्र विवाद पर एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना का बड़ा बयान सामने आया है। सरकार में मंत्री शंभूराजे देसाई ने कहा है कि आरएसएस एक अलग संस्था है। वह अपना विचार रख सकती है लेकिन शिवसेना की भूमिका स्पष्ट है औरंगजेब की कब्र हटनी ही चाहिए। महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस कब्र को ASI का प्रोटेक्शन मिला हुआ है। हम केंद्र को पत्र लिखेंगे ताकि इस संरक्षण को हटाया जाए। इसके लिए हमारे सांसद दिल्ली जाएंगे। ASI से फॉलोअप लेते रहेंगे। मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब नागपुर में हिंसा के बाद इलाके में तनाव है।
उद्धव ठाकरे भी चाहते हैं हटाई जाए औरंगजेब की कब्र
इससे पहले शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नेता उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी पर ‘400 साल पुराने मुद्दे’ को उठाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को खुल्दाबाद में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटा देना चाहिए। ठाकरे ने कहा, “औरंगजेब की कब्र को तुरंत हटा दें लेकिन ऐसा होने पर नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को बुला लें।
औरंगजेब की कब्र के आसपास सुरक्षा कड़ी
वहीं, महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की दक्षिणपंथी संगठनों की धमकी के बीच आसपास के इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने आगंतुकों के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है और पर्यटकों से पहचान संबंधी दस्तावेज मांगे हैं। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा कब्र हटाने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ज्ञापन सौंपे जाने के बाद पुलिस ने खुल्दाबाद शहर के प्रवेश द्वार से लेकर समाधि स्थल तक के मार्ग पर कई सुरक्षा चौकियां स्थापित की हैं।
ज्ञापन में औरंगजेब के विवादास्पद इतिहास, विशेषकर मराठों के साथ उसके संघर्षों पर प्रकाश डाला गया तथा उसकी कब्र को हटाने को उचित ठहराने के लिए इसे ‘दर्द और गुलामी’ का प्रतीक बताया गया।
(भाषा इनपुट के साथ)