Highlights
- शीना बोरा की हत्या मामले में इंद्राणी रिहा
- छह साल नौ महीने बाद जेल से आईं बाहर
- मुंबई की भायखाला महिला जेल में थी बंद
Sheena Bora Murder Case: अपनी बेटी शीना बोरा की कथित हत्या के मामले में गिरफ्तारी के छह साल नौ महीने बाद पूर्व मीडिया कार्यकारी अधिकारी इंद्राणी मुखर्जी शुक्रवार की शाम मुंबई की भायखाला महिला जेल से बाहर निकलीं। मुस्कुराते हुए इंद्राणी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं खुश हूं।’’
इंद्राणी के रूप की चर्चा
इंद्राणी शाम करीब साढ़े पांच बजे जेल से बाहर निकली, उनके बाल गहरे काले रंग में रंगे थे। उन्होंने अपने वकील सना रईस शेख को गले लगाया, मुस्कुराई और वहां इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों की ओर हाथ हिलाया। उसके बाद वह वकील की कार में बैठी और वर्ली स्थित अपने फ्लैट चली गईं। उन्होंने वहां मीडिया के सवालों का जवाब नहीं दिया। जेल से बाहर आई इंद्राणी मुखर्जी के बदले हुए रूप को लेकर सोशल मीडिया पर टिप्पणियों की झड़ी लग गई। एक ट्वीट में कहा गया, ‘‘तो उनके पास जेल में ब्यूटी पार्लर है?’’
शीना बोरा हत्याकांड
उच्चतम न्यायालय ने इंद्राणी मुखर्जी को इस मामले में बुधवार को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। जांचकर्ताओं की मानें तो शीना बोरा (24) की हत्या अप्रैल 2012 में की गई थी, लेकिन इस अपराध का खुलासा तीन साल बाद 21 अगस्त, 2015 को इंद्राणी के पूर्व ड्राइवर श्यामवर राय की गिरफ्तारी से हुआ था। राय को अवैध रूप से हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
पूछताछ के दौरान राय ने पुलिस को बताया कि वह अप्रैल 2012 में हुई एक हत्या के बारे में जानता था। राय ने दावा किया कि मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी की पत्नी इंद्राणी ने अपने पूर्व पति संजीव खन्ना की मदद से कार में अपनी बेटी शीना का गला घोंट दिया था। राय की गिरफ्तारी के चार दिन बाद पुलिस ने इंद्राणी को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने उनके पूर्व पति खन्ना को भी गिरफ्तार कर लिया था।
इंद्राणी ने कहा कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया जा रहा है। मुंबई पुलिस ने दावा किया था कि इंद्राणी के पहले रिश्ते से जन्मी बेटी शीना बोरा को उसने और खन्ना ने एक कार में मार दिया था, जिसे ड्राइवर श्यामवर राय चला रहा था और शव को अगले दिन पड़ोसी रायगढ़ जिले के एक जंगल में दफना दिया गया था। निचली अदालत ने बृहस्पतिवार को इंद्राणी को दो लाख रुपये का अस्थायी नकद बॉण्ड भरने को कहा था।