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NCP चीफ शरद पवार ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी, कहा- महाराष्ट्र के राज्यपाल की चिट्ठी की ‘असंयमित भाषा’ से स्तब्ध हूं

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा लिखी गई चिट्ठी की भाषा पर हैरानी जताई है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 13, 2020 20:43 IST
Sharad Pawar writes to PM Modi, Sharad Pawar PM Modi, Sharad Pawar PM Modi Letter- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है।

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा लिखी गई चिट्ठी की भाषा पर हैरानी जताई है। पवान ने पीएम मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा है कि कि वह धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा लिखे गए पत्र की ‘असंयमित भाषा’ से स्तब्ध हैं।

पवार ने कहा, ऐला लगा चिट्ठी किसी पार्टी के नेता को लिखी गई हो

मोदी को लिखे पत्र को जारी करने के बाद पवार ने ट्वीट किया, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि माननीय राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को ऐसा पत्र लिखा है जैसे किसी राजनीतिक पार्टी के नेता को लिखा गया हो। हमारे संविधान के प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्ष शब्द को जोड़ा गया ताकि सभी धर्मों के प्रति समानता और संरक्षण प्रदान किया जाए और इसलिए मुख्यमंत्री की कुर्सी को संविधान के इस भाव को कायम रखना चाहिए।’ पवार ने कहा कि उन्होंने कोश्यारी के पत्र को लेकर अपने रुख से मोदी को अवगत करा दिया है। । पवार ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि वह उस भाषा पर ध्यान देंगे जो पत्र में इस्तेमाल की गई है। संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसी भाषा का उपयोग करना शोभा नहीं देता।’


ठाकरे ने भी कोश्यारी को लिखी चिट्ठी
इस बीच सीएम ठाकरे ने राज्यपाल कोश्यारी को सूचित किया है कि राज्य में कोविड-19 संबंधी हालात की पूरी समीक्षा के बाद धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने का फैसला किया जाएगा। ठाकरे ने कोश्यारी के सोमवार को लिखे पत्र के जवाब में मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार इन स्थलों को पुन: खोलने के उनके अनुरोध पर विचार करेगी। कोश्यारी ने अपने पत्र में कहा था कि उनसे 3 प्रतिनिधिमंडलों ने धार्मिक स्थलों को पुन: खोले जाने की मांग की है। ठाकरे ने अपने जवाब में कहा कि यह संयोग है कि कोश्यारी ने जिन 3 पत्रों का जिक्र किया है, वे बीजेपी के पदाधिकारियों और समर्थकों के हैं। कोश्यारी RSS से जुड़े रहे हैं और बीजेपी के उपाध्यक्ष रह चुके हैं।

कोश्यारी ने पूछा था, आप धर्मनिरपेक्ष हो गए?
कोश्यारी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा था, ‘क्या आप अचानक धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं?’ इसके जवाब में ठाकरे ने सवाल किया कि क्या कोश्यारी के लिए हिंदुत्व का मतलब केवल धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने से है और क्या उन्हें नहीं खोलने का मतलब धर्मनिरपेक्ष होना है। ठाकरे ने कहा, ‘क्या धर्मनिरपेक्षता संविधान का अहम हिस्सा नहीं है, जिसके नाम पर आपने राज्यपाल बनते समय शपथ ग्रहण की थी। लोगों की भावनाओं और आस्थाओं को ध्यान में रखने के साथ साथ, उनके जीवन की रक्षा करना भी अहम है। लॉकडाउन अचानक लागू करना और समाप्त करना सही नहीं है।’

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