शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि वह पुराना निर्णय वापस ले रहे हैं, वापस अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे। पवार ने कहा कि लोगों ने विनती की कि मैं पद पर वापस आऊं। पवार ने कहा कि मैंने इस्तीफे की बात किताब विमोचन के दिन कहा था। उन्होंने कहा, "2 मई को लोक माझे सांगाती के प्रकाशन के दौरान मैंने एनसीपी के अध्यक्ष पद से निवृत होने का निर्णय जाहिर किया था। सार्वजनिक जीवन में 63 वर्ष होने के बाद सभी जवाबदारी से मुक्त होने का फैसला लेने के कारण लोगों में नाराजगी थी।"
समिति ने पवार का इस्तीफा किया नामंजूर
इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की समिति ने आज पवार का इस्तीफा नामंजूर किया। पार्टी का नया अध्यक्ष चुनने के लिए पवार ने 18 सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति में प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, पीसी चाको, नरहरि जिरवाल, अजीत पवार, सुप्रिया सुले, जयंत पाटिल, छगन भुजबल, दिलीप वलसे-पाटिल, अनिल देशमुख, राजेश टोपे, जितेंद्र आव्हाड, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, जयदेव गायकवाड़ शामिल थे।
फैसला बदलने का इरादा जाहिर कर चुके थे पवार
शरद पवार ने 2 मई को अचानक अध्यक्ष पद से इस्तीफे का एलान कर सबको चौंका दिया था। पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता पवार से अपना इस्तीफा वापस लेने की लगातार मांग कर रहे थे। शरद पवार ने कल गुरुवार को आंदोलन और नारेबाजी कर रहे कार्यकर्ताओं से बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने अपना फैसला बदलने का इरादा जाहिर कर दिया था। शरद पवार ने कहा था, "मैं आप सभी की इच्छा को नजरअंदाज नहीं करूंगा और उसी के मुतबिक फैसला लूंगा। मैं अगले एक या दो दिन में फैसला लूंगा और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आप लोगों को मेरे फैसले के बाद आंदोलन नहीं करना पड़ेगा। मुझे इस्तीफा का फैसला लेने से पहले सभी सहकारियों से बात करनी चाहिए थी, पर मुझे पता था कि आप मुझे ये फैसला लेने नहीं देंगे।"